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कभी महिला होने के कारण नहीं मिली थी नौकरी, आज करोड़ों की मालकिन हैं किरण मजूमदार शॉ

जब भी भारत की अरबपति महिलाओं की बात होती है, सबसे पहला नाम किरण मजूमदार का आता है। जानें उनकी जर्नी के बारे में।
Editorial
Updated:- 2022-07-26, 13:18 IST

कई लोग यह मानते हैं कि बिजनेस चलाना महिलाओं के बस की बात नहीं है। ऐसे लोगों को उन भारतीय महिला अरबपतियों के बारे में जरूर जानना चाहिए, जिन्होंने अपने दम पर बिजनेस की शुरुआत की और आज दुनिया भर में अपने बिजनेस स्किल्स का लोहा मनवाती हैं। किरण मजूमदार का नाम उन महिलाओं की लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। बता दें कि किरण मजूमदार शॉ भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड बायोफार्मास्युटिकल कंपनी बायोकॉन की फाउंडर हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी दवा उत्पादन कंपनी के रूप में जानी जाती है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको किरण मजूमदार शॉ की इंस्पायरिंग बताएंगे कि आखिर किस तरह अपनी मेहनत और लगन से किरण ने बिजनेस की दुनिया में यह मुकाम हासिल किया।

किरण मजूमदार का बचपन और शिक्षा

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बिजनेस वूमन किरण मजूमदार शॉ का जन्म 23 मार्च 1953 को कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में हुआ था। किरण की शुरुआती शिक्षा बेंगलुरू के बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से साल 1973 में बीएससी की डिग्री हासिल की। पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए किरण ने वैलेरेट कॉलेज मेलबर्न यूनिवर्सिटी का रुख किया।

किरण मजूमदार की फैमिली

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किरण मजूमदार ने साल 1998 में स्कॉटलैंड के मूल निवासी जॉन-शॉ से शादी की। जॉन शॉ इस वक्त बायोकॉन लिमिटेड के उपाध्यक्ष हैं।

किरण मजूमदार करियर

उच्च शिक्षा के दौरान किरण मजूमदार ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद किरण ने कोलकाता के ‘जुपिटर ब्रुअरीज लिमिटेडट’ में तकनीकी सलाहकार के रूप काम करने लगी। साल 1975- 1977 के दौरान किरण बड़ौदा के स्टैंडर्ड मोल्डिंग कॉरपोरेशन में तकनीकी प्रबंधक पद पर काम किया।

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किरण मजूमदार ने की बायोकॉन लिमिटेड

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किरण मजूमदार की कहानी उनकी कंपनी बायोकॉन लिमिटेड के बिना अधूरी रहती है। वो आज जो कुछ भी हैं उसके पीछे उनकी कंपनी का अहम योगदान है। किरण ने साल 1978 में महज 1200 रुपये के साथ कंपनी की स्थापना की थी। ये एंजाइमों का विनिर्माण करने वाली देश की पहली कंपनी है, जो विदेशों में भी दवा का निर्यात करती थी। साल 1989 के बाद बायोकॉन लिमिटेड भारत की पहली जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बन गई। लगातार मेहनत के साथ साल 2003 तक मानव इंसुनिल विकसित करने वाली पहली कंपनी बन गई। आज यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है।

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किरण मजूमदार शॉ को मिले कई अवार्ड-

किरण मजूमदार को देश के नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है। पिछले कई सालों से किरण मजूमदार का नाम दुनिया की अरबपति महिलाओं की लिस्ट में शामिल है। कोरोना काल के दौरान किरण मजूमदार की कंपनी ने दुनिया भर में दवा पहुंचाने में बहुत मदद की, जिस कारण उन्हें और भी ज्यादा पहचान मिली।

तो ये थी किरण मजूमदार की इंस्पायरिंग कहानी, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

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