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ज्यादा एक्सरसाइज करने के अलावा इन कारणों से भी होते हैं आपके पीरियड्स लेट

हर लड़की के लिए पीरियड्स का होना बहुत जरूरी होता है। पीरियड्स होने पर चाहे कितना भी दर्द हो, लड़कियां खुश रहती हैं। लेकिन जहां पीरियड्स मिस होते हैं या लेट से आते हैं तो लड़कियां बहुत ज्यादा टेंशन में आ जाती हैं। जबकि पीरियड्स लेट होने के कई कारण भी होते हैं। अगर आप प्रेगनेंसी के लिए कौशिश कर रहे है और आपके पीरियड्स मिस हुए है तो सबसे पहले तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। और अगर बिना कंसीव किए पीरियड्स होने में लेट हो रहे हैं तो फिर इन कारणों पर ध्यान दें। क्योंकि इन वजहों से भी पीरियड्स लेट होते हैं। 

Gayatree Verma

Her Zindagi Editorial

Updated:- 15 May 2018, 18:05 IST

ज्यादा एक्सरसाइज करना

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कई बार ज्यादा एक्सरसाइज करने से भी पीरियड्स मिस हो जाते हैं। जरुरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने पर हमारी बॉडी पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से कुछ हार्मोनल चेंजेस भी हो जाते हैं। जो पीरियड्स के लेट होने का कारण बनते हैं। दरअसल फिट बॉडी बनाने के लिए ज्यादा देर तक जिम में पसीना बहाने से या ज्यादा शारीरिक काम करने से मासिक चक्र पूरा करने के लिए जितने एस्ट्रोजन हार्मोन की जरूरत होती है उतने का शरीर में महीने के अंत तक निर्माण पूरा नहीं कर पाता है तो पीरियड्स में देरी या मिस होने की प्रॉब्लम आती हैं।

वजन में तेज़ी से बदलाव होना

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अगर आपका वजन तेजी से कम हो रहा है या बढ़ रहा है तो ये भी पीरियड्स के लेट होने का कारण बन सकता है। वजन में अचानक से बदलाव होने से इसका प्रभाव महिलाओं के दिमाग की एक ग्रन्थि पर पड़ता है जिससे बॉडी की कई गतिविधियों प्रभावित होती हैं और मासिक चक्र में बदलाव आता है। किसी महिला का जब ज्यादा वजन बढ़ने लगता है तो बॉडी में एस्ट्रोजेन अधिक बनने लगता है जिससे शुरुआत में तो हैवी पीरियड्स होते है पर कुछ समय बाद पीरियड मिस भी होने लगते हैं।

दवाइयों से भी होते हैं पीरियड्स लेट

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पीरियड्स के लेट होने का कारण दवाइयों का साइड इफ़ेक्ट्स भी होता है। ऐसे दवाओं में गर्भ निरोधक दवाएं प्रमुख होती हैं। इसके अलावा कीमोथैरेपी में सेवन की गयी दवाइयों और कुछ एंटीबायोटिक्स से भी माहवारी के दिन प्रभावित होते हैं।

थायरॉयड की समस्या

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थायरॉयड की समस्या के कारण भी पीरियड्स लेट होते हैं। थाइरॉयड एक ऐसे ग्रंथि है जो हमारी बॉडी में मेटाबोलिज्म को नियंत्रण में रखती हैं। जब थाइरॉयड ग्रंथी में कोई बदलाव होता है तो महिलाओ की माहवारी के डेट पर भी असर पड़ता हैं। थाइरॉयड ग्रंथि में दो तरीके से बदलाव होते हैं-

  1. Overactive Thyroid होने से पीरियड्स में देरी या मिस हो सकते हैं। तेज़ी से वजन कम होना, पसीना ज्यादा आना और दिल की धड़कने तेज़ हो जाना इसके कुछ और लक्षण हैं।
  2. वहीं Underactive Thyroid जब होता है तब माहवारी में देरी के साथ हैवी पीरियड्स होते हैं। इसमें वजन बढ़ने, बालों का झड़ना, थकान और ड्राई स्किन की समस्या होती है। 

स्तनपान

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कई बार महिलाओं में पीरियड्स लेट होने की वजह स्तनपान भी बनता है। स्तनपान के लिए दूध बनाने के लिए प्रोलैक्टिन नाम का हार्मोन जिम्मेवार होता हैं। कुछ स्त्रियों को डिलीवरी के बाद स्तनपान के समय माहवारी में देरी की समस्या आती हैं। अगर आपके पीरियड्स मिस होते है तो इसका ये मतलब नहीं की आप फिर से प्रेग्नेंट नहीं हो सकती। अगर बच्चे का दूध पिलाना छुटने के 3 महीने तक भी माहवारी नहीं आती तो तुरंत डॉक्टर से मिले।

इन कारणों से भी पीरियड्स लेट होते हैं। इसलिए जब पीरियड्स लेट होते हैं तो एक बार इन वजहों पर गौर करें और डॉक्टर से संपर्क करें।