
टोपी पहनने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। समय के साथ विभिन्न मौसम, मौकों और जरूरतों के हिसाब से टोपी के कई प्रकार विकसित हुए हैं। आमतौर पर हैट (Hat) और कैप (Cap) को एक ही समझते हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ प्रमुख अंतर होते हैं। हैट के चारों ओर ब्रिम होता है, जबकि कैप में केवल आगे की ओर वाइजर होता है। स्टाइल और डिजायन के अनुसार, इन्हें अलग-अलग मौकों पर पहना जाता है। फैशन की दुनिया में भी टोपी का चलन समय के साथ बदलता गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि टोपी और कैप की शुरुआत कहां से हुई और कैसे यह फैशन का हिस्सा बनी?
टोपी पहनने परंपरा हजारों साल पुरानी है। इसके सबसे पुराने प्रमाण हमें मिस्र, ग्रीस और मेसोपोटामिया की सभ्यताओं में मिलते हैं। 3000 ईसा पूर्व की मिस्त्री पेंटिंग में फिरौन और हाई क्लास के लोग सिर पर बड़ी टोपी या मुकुट पहने दिखते हैं, जो उनके रुतबे का प्रतीक थी। ग्रीस सभ्यता में, लोग पेटासोस नामक चौड़े किनारों वाली टोपी पहनते थे, जो धूप से बचाने के लिए पहनी जाती थी। वहीं, रोमन साम्राज्य में सैनिकों की सुरक्षा के लिए गैलिया नामक धातु की बनी टोपी (हेलमेट) इस्तेमाल की जाती थी। आम नागरिक पिलस नामक टोपी पहनते थे, जिसे स्वतंत्रता और नागरिकता का प्रतीक माना जाता था।
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मध्यकालीन यूरोप में उस समय टोपी पहनना केवल फैशन नहीं था, बल्कि किसी व्यक्ति की सामाजिक स्थिति को दर्शाता था। भिक्षु और धार्मिक नेता मिट्रे, जो एक ऊंची और औपचारिक टोपी पहनते थे। वहीं, कुलीन वर्ग और शूरवीर आमतौर पर पंख लगी टोपी या हुड पहनते थे। 14वीं से 17वीं शताब्दी के पुनर्जागरण काल के दौरान, महिलाओं ने बोनट और हेनिन जैसी लंबी, नुकीली टोपियाँ पहननी शुरू कर दी थीं, जो अक्सर राजकुमारियां पहना करती थीं। पुरुषों के लिए चौड़े किनारे वाली टोपी का चलन था जिसमें पंख को सजाया जाता था।
18वीं और 19वीं सदी के दौरान औद्योगिक क्रांति आई, जिससे फैशन इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव हुआ। उस समय, पुरुषों के बीच Top Hat और Bowler Hat का काफी लोकप्रिय हुई। वहीं, महिलाओं ने बड़े-बड़े पंखों और सजावट वाली हैट्स को पहनना शुरू कर दिया था। सेना में शामिल सैनिक भी विशेष टोपी पहना करते थे, जो सेना की यूनिफॉर्म का हिस्सा बन चुकी थीं।
1900 के दशक में Baseball Cap और Beanie लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गई थी। हॉलीवुड फिल्मों और राजनेताओं ने टोपी पहनना शुरू कर दिया था। चार्ली चैपलिन की बॉलर हैट, और माइकल जैक्सन की फेडोरा आइकॉनिक बन गईं। वहीं, 1920 और 1930 के दशक में महिलाओं के बीच Cloche Hat का ट्रेंड शुरू हो गया था, जो शॉर्ट हेयर के फैशन के साथ मेल खाती थी।
20वीं सदी के आखिरी तक, टोपियां रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी थीं और इसे फैशन स्टेटमेंट माना जाने लगा था। उस समय बेसबॉल कैप काफी प्रसिद्ध थी, जिसे गेम्स के दौरान या कैजुअल वियर में पहना जाता था।
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टोपी पहनना केवल स्टाइल स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। टोपी शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करती है, जिससे गर्मी और सर्दी में आपको राहत मिलती है। गर्मियों में टीपी सिर को सीधी धूप से बचाती है, जबकि सर्दी में सिर को ठंड से बचाती है। टोपी पहने से बाल और आंकें धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बची रहती हैं।
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