विदेश में पढ़ाई करने का सपना लगभग हर छात्र का होता है। लोगों का मानना है कि इससे देश-विदेश में जॉब्स और करियर बनाने में आसानी होती है। यही नहीं, फॉरेन जाकर स्टडी करने से दूसरे देशों के लोगों से तालमेल बैठाने का भी अवसर मिलता है। इससे स्टूडेंट्स की पर्सनालिटी का भी सही तरीके से विकास हो सकता है। पर, कई ऐसे लोग हैं, जो पढ़ाई करना तो चाहते हैं लेकिन उन्हें निर्णय लेने में काफी परेशानी होती है। इस दौरान मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि आखिर किस डिग्री के बाद विदेश जाकर पढ़ाई करना ज्यादा बेहतर रहेगा? ऐसे में, अगर आप स्नातक या स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए देश से बाहर जाने का सही समय जानना चाहते हैं, तो यहां Gradding.Com की फाउंडर ममता शेखावत के बताए गए राय आपके लिए हेल्पफुल साबित हो सकते हैं।
स्नातक या स्नातकोत्तर कब करनी चाहिए विदेश में पढ़ाई
एक्सपर्ट के अनुसार, स्नातक या स्नातकोत्तर कोर्स करने के लिए विदेश जाकर पढ़ाई करना छात्रों पर निर्भर करता है। उन्होंने कुछ टिप्स बताए हैं, जिसकी मदद से आपको डिसीजन लेने में आसानी हो सकती है।
विदेश जाकर पढने जाने से पहले कर लें समय सीमा तय
आमतौर पर, स्नातक कार्यक्रम तीन से चार साल तक चलते हैं। वहीं, स्नातकोत्तर कार्यक्रम स्नातक कार्यक्रमों की तुलना में छोटे होते हैं। आपको बता दें, स्नातकोत्तर कार्यक्रम स्नातक से एक वर्ष कम होती है। इन डिग्रियों के समयावधि को देखते हुए आप विदेश में कितने समय तक पढ़ाई करना चाहते हैं, खुद तय कर सकते हैं।
बजट के अनुसार ले सकते हैं निर्णय
स्नातक अध्ययन की तुलना में विदेश में स्नातकोत्तर अध्ययन कम खर्चीला हो सकता है। फिर भी, ऐसें में, आप अपनी बजट के हिसाब से तय कर सकते हैं। इसके अलावा, विदेश जाने से पहले आपको कौन सी योग्यता हासिल करनी है, यह भी निर्णय लेना होगा।
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स्नातक या स्नातकोत्तर की लर्निंग एक्सपीरिएंस में है भिन्नता
एक्सपर्ट बताती हैं कि आपको दोनों कार्यक्रमों में अलग-अलग एक्सपीरिएंस लेने का मौका मिलेगा। एक ओर जहां, स्नातक अध्ययन आम तौर पर छात्रों को अध्ययन के विशिष्ट क्षेत्र से जुड़े ज्ञान से परिचित कराता है। वहीं दूसरे तरफ, स्नातकोत्तर आपके अध्ययन के क्षेत्र में पूरी तरह से डूबने और डीप अंडरस्टैंडिंग को सिखाता है।
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क्या विदेश में स्नातकोत्तर या स्नातक की पढ़ाई करना बेहतर है?
एक्सपर्ट के अनुसार, दोनों कार्यक्रमों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। निर्णय आप खुद अपनी योग्यता, प्राथमिकता और करियर के लक्ष्यों के आधार पर ले सकते हैं। हालांकि, स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्रियों के लिए विदेश में अध्ययन करने से आपको बेहतर नेटवर्किंग के अवसर मिल सकते हैं। करियर में भी लाभ हो सकता है। हां पर, यह थोड़ा महंगा हो सकता है। अगर आप इन सब चीजों के लिए तैयार हैं, तो आप विदेश जाकर पढ़ाई का ऑप्शन चुन सकते हैं।
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Image credit- Herzindagi
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