NEET UG 2025 के रिजल्ट में कम अंक वाले न हों परेशान, मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए गांठ बांध लें ये 5 टिप्स

नीट यूजी 2025 में कम स्कोर आने पर आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। नीट यूजी में कम अंक सफलता का अंत नहीं हैं। आप अपनी रुचि और क्षमतानुसार सही विकल्प चुनकर आप डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए आपको क्या करना चाहिए, आइए हम आपको यहां बताते हैं।
NEET UG 2025 results follow 5 tips to get admission

नीट यूजी का एग्जाम लाखों मेडिकल की तैयारी करने वाले कैंडिडेट के लिए एक बहुत बड़ा सपना होता है। हालांकि, कई बार कड़ी मेहनत के बावजूद भी कुछ छात्रों को उम्मीद से कम अंक मिलते हैं। ऐसे में, निराशा होना स्वाभाविक है, लेकिन कम मार्क्स का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आपका डॉक्टर बनने का सपना ही टूट गया है। मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के कई रास्ते होते हैं और सिर्फ नीट यूजी का स्कोर ही आपकी किस्मत का फैसला नहीं करता है। अगर आपको लगता है कि नीट यूजी 2025 के रिजल्ट में आपके अंक थोड़े कम आए हैं और आप चिंतित हैं कि अब क्या होगा, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह लेख आपके लिए ही है। यहां हम आपको 5 ऐसे महत्वपूर्ण टिप्स बताएंगे, जिनकी मदद से आप भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला पा सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

नीट यूजी में कम अंक आने पर क्या करें?

NEET UG 2025 career

डीम्ड या प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर विचार करें

यदि आपके नीट यूजी के अंक सरकारी कॉलेज में प्रवेश के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो डीम्ड यूनिवर्सिटी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इन कॉलेजों में फीस अधिक होती है, लेकिन प्रवेश के लिए कट-ऑफ अक्सर सरकारी कॉलेजों की तुलना में कम होता है। आप विभिन्न डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ की वेबसाइट्स और उनके पिछले वर्षों के कट-ऑफ की जांच करें। इनकी फीस संरचना और कैंपस प्लेसमेंट/इंटर्नशिप सुविधाओं के बारे में अच्छी तरह रिसर्च करें। कुछ कॉलेज मैनेजमेंट कोटा या एनआरआई कोटा के तहत भी सीटें ऑफर करते हैं, जिनके लिए कट-ऑफ और भी कम हो सकता है।

आयुष कोर्सेज पर जोर दें

पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियां भी मेडिकल क्षेत्र का ही हिस्सा हैं और इनका महत्व बढ़ रहा है। यदि आप एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं, तो आयुर्वेदिक (BAMS - Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery), यूनानी (BUMS - Bachelor of Unani Medicine and Surgery), या होम्योपैथी (BHMS - Bachelor of Homoeopathic Medicine and Surgery) जैसे आयुष कोर्सेज चुन सकते हैं। ये कोर्स भी नीट यूजी स्कोर के आधार पर ही होते हैं, लेकिन इनके लिए कट-ऑफ एमबीबीएस से काफी कम होता है। भविष्य में इन पद्धतियों में करियर के अच्छे अवसर मिल रहे हैं।

नर्सिंग या पैरामेडिकल कोर्सेज चुनें

NEET UG career options

चिकित्सा क्षेत्र में सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, बल्कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भी बहुत अधिक मांग है। आप बी.एससी. नर्सिंग, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी, बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, ऑप्टोमेट्री आदि जैसे पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्सेज के लिए कुछ संस्थानों में NEET स्कोर अनिवार्य नहीं होता, या कट-ऑफ बहुत कम होता है। ये करियर विकल्प आपको सीधे मरीजों की देखभाल या निदान से जोड़ते हैं और इनमें भी अच्छा करियर ग्रोथ है।

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विदेश में एमबीबीएस के विकल्प तलाशें

अगर आप भारत में मनचाहे कॉलेज में एडमिशन नहीं पा पा रहे हैं, तो विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई एक व्यवहार्य विकल्प हो सकता है। जॉर्जिया, रूस, यूक्रेन, फिलीपींस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, चीन आदि देशों में कई ऐसे मेडिकल कॉलेज हैं जो नीट क्वालिफाइंग मार्क्स के साथ भी एडमिशन देते हैं और इनकी फीस भारत के प्राइवेट कॉलेजों से कम हो सकती है। विदेश से एमबीबीएस करने के बाद भारत में प्रैक्टिस करने के लिए आपको फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन या NEXT (नेशनल एग्जिट टेस्ट) परीक्षा पास करनी होगी। यूनिवर्सिटी की मान्यता, भाषा, सुरक्षा और लिविंग कॉस्ट के बारे में अच्छी तरह जांच कर ही निर्णय लें।

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एक साल का ड्रॉप लेकर फिर से तैयारी करें

अगर आपका सपना सिर्फ सरकारी एमबीबीएस सीट पाना है और आप अपनी तैयारी में कमी महसूस करते हैं, तो एक साल का ड्रॉप लेकर फिर से तैयारी करना एक और विकल्प है। इस दौरान अपनी कमजोरियों पर काम करें, मॉक टेस्ट दें और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन लें। यह तभी करें जब आप पूरी तरह से दृढ़ निश्चयी हों और एक साल की कड़ी मेहनत के लिए तैयार हों। ड्रॉप लेने से पहले अपनी क्षमता, मानसिक शक्ति और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता का ईमानदारी से आकलन करें। यदि आप आलस या बहाने बनाएंगे, तो यह साल बर्बाद भी हो सकता है।

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Image credit- Freepik


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