Top Places For Pind Daan In Uttar Pradesh: हिन्दू समाज में पिंडदान करना शुभ कार्य माना जाता है। पौराणिक काल से भी पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए पिंडदान करना एक पवित्र और धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है।
इस साल श्राद्ध पक्ष यानी पिंडदान 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर 2024 तक चलने वाला है। पिंडदान यानी श्राद्ध के मौके पर कई लोग देश की अलग-अलग जगहों पर पहुंचते हैं और पूर्वजों के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
देश के उत्तर प्रदेश राज्य में ऐसी कई पवित्र और प्रसिद्ध धार्मिक जगहें मौजूद हैं, जहां पिंडदान करना सबसे शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इन जगहों पर अगर पिंडदान कर लिया तो पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में पिंडदान करने की बात होती है, तो लाखों लोग सबसे पहले काशी की नगरी यानी वाराणसी का नाम लेते हैं। गंगा नदी के किनारे स्थित वाराणसी भारत के सबसे पवित्र और तीर्थ शहरों में से एक माना जाता है। यहां हर दिन हजारों लोग घूमने के लिए भी पहुंचते हैं।
वाराणसी में गंगा नदी के तट पर हर दिन हजारों लोग मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए हवन करवाते हैं। पिंडदान के लिए गंगा नदी के तट पर अलग से व्यवस्था भी की जाती है। वाराणसी में पैतृक संस्कारों के अलावा कई लोग काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा नदी में बोटिंग के लिए भी पहुंचते हैं।
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प्रयागराज जिसे कई लोग इलाहाबाद के नाम से भी जानते हैं। उत्तर प्रदेश में मौजूद प्रयागराज एक ऐसा शहर है, जिसे गंगा-यमुना और सरस्वती नदियों का संगम स्थल माना जाता है। हालांकि, कई लोगों का यह मानना है कि अब सरस्वती नदी लुप्त हो चुकी है।
प्रयागराज में जिस स्थान पर गंगा-यमुना और सरस्वती नदी मिलती है, उसे त्रिवेणी संगम स्थल के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि त्रिवेणी संगम के किनारे जो पिंडदान या धार्मिक अनुष्ठान करता है, उनके पूर्वजों को मुक्ति मिल जाती है। इसलिए यहां देश के हर कोने से लोग पिंडदान करने के लिए पहुंचते हैं।
अयोध्या भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। इस शहर को पूरे विश्व में राम जन्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है। आज की तारीख में यहां मौजूद राम मंदिर का दर्शन करने हर दिन हजारों भक्त पहुंचते हैं।
अयोध्या सिर्फ राम मंदिर के लिए ही नहीं, बल्कि पिंडदान के लिए भी जाना जाता है। अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भात कुंड है, जहां हर दिन हजारों लोग पिंडदान करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि यहां पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई लोगों का यह भी मानना है कि नदी में डुबकी लगाने मात्र से सभी पाप धुल जाते हैं।
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मथुरा उत्तर प्रदेश के सबसे प्रमुख और पवित्र शहरों से एक माना जाता है। इस शहर को पूरे विश्व में कृष्ण की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां स्थित भव्य और पवित्र कृष्ण मंदिरों का दर्शन करने हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं।
मथुरा कृष्ण नगरी के साथ-साथ पिंडदान अनुष्ठान के लिए भी एक पवित्र शहर माना जाता है। मथुरा में यमुना नदी के तट पर पिंडदान करना काफी शुभ कार्य माना जाता है। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां हवन भी करवाए जाते हैं। हवन के बाद यहां प्रसाद का वितरण भी होता है। मान्यता के अनुसार पिंडदान के समय यमुना नदी में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं।
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