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किस कंपनी और गौशाला का दूध असली है और किसका नकली, ऐसे करें पहचान

दूध सबसे पौष्टिक आहार होता है। इसमें हर तरह के पोषक-तत्व होते हैं इसलिए इसे संपूर्ण आहार कहा जाता है। ये सबसे अधिक बिकने वाला भी आहार है। गरीब से गरीब इंसान भी दूध तो जरूर खरीदता है। क्योंकि उसे चाय पीनी होती है। अगर वह काली चाय पी भी ले तो कम से कम अपने बच्चों को तो दूध पिलाने के लिए उसे जरूर दूध खरीदना पड़ेगा। इस जरूरत का फायदा बाजार ने उठाया है और दूध में भी मिलावट शुरू कर दी है।&nbsp; <h2><span style="color: #ff00ff;">दूध में मिलावट</span></h2> चाहे कंपनी का दूध हो या किसी गोशाला का दूध, हर जगह दूध में मिलावट चल रही है। इसलिए जब मिठाई में मिलावट की जाती है तो वह ज्यादा सेहत के लिए हानिकारक हो जाता है। क्योंकि दूध में ही मिलावट थी। इस मिलावटी दूध से बचने के लिए आपको असली और नकली दूध में फर्क करना आना चाहिए। अगर <a href="https://www.herzindagi.com/hindi/diet-nutrition/how-does-drinking-flavored-milk-affect-your-health-article-54580" target="_blank">असली और नकली दूध</a> में फर्क करना नहीं आता है तो इस आर्टिकल में जानें असली और नकली दूध में पहचान करने का तरीका।&nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp;

Gayatree Verma

Her Zindagi Editorial

Updated:- 17 Sep 2018, 01:09 IST

सिंथेटिक दूध

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मिलावटी दूध में सबसे अधिक बिकना वाला दूध- सिंथेटिक दूध है। सिंथेटिक दूध में रिफाइंड ऑयल और डिटर्जेंट को मिलाकर बनाया जाता है। अगर दूध दस रुपये लीटर मिल रहा है तो समझ जाएं कि सिंथेटिक दूध है। अगर खुला दूध ले रही हैं तो उसे सूंघ कर देखें। अगर दूध में से साबुन जैसी गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है। 

नोट- असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती। 

दूध होता है मीठा

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अगर दूध में से किसी तरह की खुशबू नहीं आ रही है और फिर भी आपको शक है कि दूध में मिलावट की गई है तो दूध को चख कर देखें। दूध में अगर कड़वा या खारा स्वाद आ रहा है तो समझ जाएं कि दूध नकली है और उसमें डिटर्जेंट और सोडा की मिलावट की गई है। असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है। 

दूध का रंग

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अगर दूध पीकर आप बीमार पड़ रही हैं और उसके सुगंध और स्वाद से आप असली व नकली का पता नहीं कर पा रही हैं तो दूध को खरीदकर लाकर थोड़े देर के लिए स्टोर करें। असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता, जबकि नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है। अगर दूध पीला पड़ने लगे तो दूध में मिलावट की गई है। 

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दूध में पानी की मिलावट

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हर गोशाला में दूध में पानी मिलाया जाता है और थोड़ी मात्रा में पानी मिलाना जरूरी भी होता है। लेकिन अधिक मात्रा में पानी मिलाया जाता है तो ग्वाले के सामने ही दूध को एक काली सतह पर छोड़ें। अगर दूध के पीछे एक सफेद लकीर नहीं छूट रही है तो उसे बताएं कि दूध में आधे से ज्यादा पानी है और दूध नकली है। फिर उस गोशाला से दूध खरीदना बंद कर दें। 

असली दूध को काली सतह पर गिराने से उसमें सफेद लकीर छूटती है। ग्वोले के घर पर आप चिकनी काली लकड़ी या काले पत्थर की सतह का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इन पर दूध की एक या दो बूंद टपकाकर देखें। अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार सा निशान बन जाए तो दूध शुद्ध है। 

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छूकर लगाएं पता

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असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। वहीं, नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।

इन तरीकों से जानें की दूध जो आप खरीद रही हैं वह असली है या नकली और फिर खरीदें।