वक्त से पहले बालों का सफेद होना हमें कम उम्र भी मिच्योर दर्शाता है। जाहिर है, कोई भी वक्त से पहले बूढ़ा नजर नहीं आना चाहता है। ऐसे में बालों को सफेद होने से रोकने की लिए बाजार में आपको बहुत सारे ट्रीटमेंट्स मिल जाएंगे। यह ट्रीटमेंट्स महंगे भी हो सकते हैं और इनका प्रभाव भी आस्थाई हो सकता है। अगर आप सस्ता और टिकाऊ ट्रीटमेंट तलाश रही हैं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बालों को सफेद होने से रोकने का रामबाण उपाय बताएंगे।
इस लेख में हम आपको जटामांसी जड़ी-बूटी के प्रयोग से बालों की सेहत को दुरुस्त रखने और उन्हें काला बनाए रखने का तरीका बताएंगे। तो अगर आप भी इस समस्या से जूझ रही हैं, तो अंत तक आप यह आर्टिकल जरूर पढ़ें।
वर्ष 2020 में की गई स्टडी ऑफ माइक में बताया गया है कि , मनुष्यों के बाल तनाव के कारण सफेद नहीं होते हैं। एक बार जब हेयर फॉलिकल्स से बाल निकलते हैं, तो उनका रंग तय हो जाता है। यदि बालों का एक भी किनारा भूरा होता है, तो यह कभी भी अपना रंग नहीं बदलता, जब तक कि आप अपने बालों में आर्टीफीशियल कलर न करें। आपके बालों के फॉलिकल्स उम्र बढ़ने के साथ कम रंग बनाते हैं, इसलिए जब बाल मरने और पुनर्जीवित होने के अपने प्राकृतिक चक्र से गुजरते हैं, तो 35 वर्ष की आयु के बाद उनके सफेद होने की संभावना अधिक होती है। हां, आनुवंशिक आधार पर अगर आपके घर में लोगों के बाल जल्दी सफेद हुए हैं, तो आपके भी हो सकते हैं और यदि परिवार के लोगों के बाल देर से सफेद हुए हैं, तो आपके भी बाल अधिक उम्र तक काले ही बने रहते हैं।
तनाव टेलोजेन एफ्लुवियम नामक एक सामान्य स्थिति को ट्रिगर कर सकता है, जिसके कारण बाल सामान्य से लगभग तीन गुना तेजी से झड़ते हैं। हालांकि, बाल वापस उग आते हैं, इसलिए यह स्थिति गंजापन का कारण नहीं बनती है। लेकिन अगर आप अपनी आयु के 40 वे से 50 वे पड़ाव पर हैं और तनाव के कारण आपके बाल तेजी से झड़ रहे हैं और फिर से उग रहे हैं, तो संभव है कि उगने वाले बाल अपने मूल रंग के बजाय सफेद हो जाएं।
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जटामांसी एक बहुत प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। यह बालों को कई प्रकार के फायदे पहुंचाती है। खासतौर पर इसे बालों में लगाने पर आपके बाल उम्र से पहले सफेद नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, बालों के जटामांसी के और भी कई फायदे हैं।
जटामांसी का प्रयोग बालों में कई प्रकार से किया जा सकता है। कुछ तरीके हम आपको बताते हैं।
नारियल और जटामांसी के तेल को मिक्स कर लें और फिर इसे बालों में लगाएं। इससे आप स्कैल्प की 10 मिनट तक मसाज करें और फिर 1 घंटे के लिए तेल को बालों में अवशोषित होने दें। इससे आपके बालों को उचित नरिशमेंट मिलेगा और बाल पहले से ज्यादा हेल्दी होंगे।
अगर आप कैस्टर ऑयल के साथ जटामांसी तेल को मिक्स करके बालों में लगाती हैं, तो इससे बालों की ग्रोथ अच्छी होती है।
अगर आपके बालों में शाइन कम है तो आपको जटामांसी तेल के साथ तिल का तेल लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके बालों में चमक बढ़ जाती है।
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एक लोहे की कढ़ाई लें और उसमें जटामांसी जड़ी-बूटी के साथ आंवले का पाउडर, नारियल का तेल और चाय का पानी मिलाकर रात भर के लिए रख दें। इसके बाद आप सुबह इस मिश्रण को पीस लें और फिर जड़ों से लेकर बालों की लेंथ तक इस होममेड हेयर मास्क को लगाएं। 1 घंटे इस मिश्रण को बालों में लगा रहने दें और फिर आप बालों को वॉश कर लें। हफ्ते में कम से कम 1 या 2 बार आप विधि से बालों को ट्रीटमेंट देंगी तो आपके बालों की सेहत अच्छी बनी रहेगी और आपके बालों का रंग भी नहीं खराब होगा।
नोट-अगर आपकी स्कैल्प सेंसिटिव है, तो ऊपर बताए गए किसी भी नुस्खे को आजमाने से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर कर लें। किसी भी नुस्खे से आपको त्वरित रिजल्ट नहीं मिलेगा। यह उपाय केवल आपके बालों की अच्छी सेहत के लिए हैं।
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