वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे घर, वर्कप्लेस और आस-पास के वातावरण में ऊर्जा के प्रवाह को संचालित करने में मदद करता है। ऐसे ही वास्तु शास्त्र के अनुसार, पौधे भी हमारे घरों में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर हम घर में पौधों को लगाने की बात करें तो इनकी एक निश्चित दिशा हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि यदि पौधों को सही दिशा और स्थान पर लगाया जाता है तो घर का वातावरण शुद्ध बना रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे ही दो पौधे हैं तुलसी और एलोवेरा। ये दो ऐसे पौधे हैं जो वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व रखते हैं। तुलसी एक बहुत पवित्र पौधा है जो हिंदू धर्म में बहुत पूजनीय माना जाता है, जबकि एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जो कई तरह से स्वास्थ्य और त्वचा के लिए लाभकारी माना जाता है।
अगर वास्तु की मानें तो आपको कुछ पौधों को एक साथ न लगाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे उन पौधों की ऊर्जा क्षीण होने लगती है। ऐसे ही एक प्रश्न उठता है कि क्या तुलसी और एलोवेरा के पौधे को एक साथ लगाना ठीक है? आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
वास्तु शास्त्र में तुलसी का महत्व
तुलसी एक पवित्र पौधा है जो हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। यह एक पूजनीय पौधा है, इसी वजह से तुलसी के पौधे को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना उचित माना जाता है। चूंकि ये एक धार्मिक पौधा माना जाता है, इसलिए इसे घर की उत्तर पूर्व या ईशान कोण दिशा में लगाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
जिस घर में तुलसी का पौधा मौजूद होता है वहां हमेशा समृद्धि बनी रहती है। ईशान कोण दिशा भगवान विष्णु की दिशा मानी जाती है और यदि इस दिशा में तुलसी का पौधा लगा होता है तो विष्णु जी की कृपा सदैव बनी रहती है।
वास्तु के अनुसार एलोवेरा का महत्व
वास्तु की मानें तो एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जो घर में नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि एलोवेरा को दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना उचित होता है, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व की दिशा मानी जाती है। यदि एलोवेरा के पौधे को अग्नि तत्व की दिशा में रखा जाता है तो ये घर में पूर्ण रूप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।
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क्या तुलसी और एलोवेरा को एक साथ रखना ठीक है?
अगर हम तुसली और एलोवेरा के पौधे को एक साथ रखने की बात करें तो इन्हें एक ही स्थान और दिशा में रखना उचित नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि दोनों पौधों की वास्तु दिशा अलग-अलग है, इसलिए इन्हें एक साथ रखने से इनके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। एक तरफ तुलसी को जहां ईशान कोण में रखना चाहिए वहीं एलोवेरा के लिए दक्षिण दिशा उचित है, इसलिए इन्हें इनकी सही दिशा में रखना ही शुभ माना जाता है। यदि आप किसी वजह से एलोवेरा के पौधे को तुलसी के पास रखती भी हैं तो आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि इन्हें भूलकर भी एक ही गमले में न रखें। एलोवेरा की पत्तियों में कांटे होते हैं जो तुलसी की पत्तियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
वास्तु के अनुसार दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी पौधे के लिए दिशा का महत्व बहुत ज्यादा है। तुलसी को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना उचित है, जबकि एलोवेरा को दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना उचित है। यदि आप दोनों पौधों को एक साथ रखना चाहते हैं, तो आप उन्हें पूर्व और दक्षिण दिशा के कोने में लगा सकते हैं। वास्तु की मानें तो तुलसी और एलोवेरा दोनों पौधों को अलग-अलग गमलों में लगाएं। दोनों पौधों को नियमित रूप से पानी दें और उनकी देखभाल करें। तुलसी और एलोवेरा दोनों पौधों को धूप में रखें और उनकी पत्तियों को साफ करें।
यदि आप इन दोनों ही पौधों को सही दिशा में लगाती हैं तो इसके पूर्ण लाभ मिल सकते हैं और घर पर सकारात्मक वातावरण बना रह सकता है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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