yamuna shashthi 2025 date

Yamuna Shashthi 2025 Date: कब है यमुना षष्ठी? जानें पूजा एवं यमुना स्नान का शुभ मुहूर्त और महत्व

यमुना षष्ठी के दिन मां यमुना की पूजा का विशेष विधान है। ऐसे में आइये जानते है कि इस साल कब पड़ रही है यमुना षष्ठी, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व। 
Editorial
Updated:- 2025-03-28, 23:00 IST

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यमुना षष्ठी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा-वृन्दावन या फिर संपूर्ण ब्रज क्षेत्र में मनाते हैं। इस दिन मां यमुना का पृथ्वी पर आगमन हुआ था। यमुना षष्ठी को यमुना छठ के नाम से भी जाना जाता है। यमुना षष्ठी के दिन मां यमुना की पूजा का विशेष विधान है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते है कि इस साल कब पड़ रही है यमुना षष्ठी, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

यमुना षष्ठी 2025 कब है?

yamuna chhath 2025 ka mahatva

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 2 अप्रैल, बुधवार के दिन रात 11 बजकर 49 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 3 अप्रैल, गुरुवार के दिन रात 9 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, यमुना षष्ठी 3 अप्रैल को मनाई जायेगी।

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यमुना षष्ठी 2025 शुभ मुहूर्त

yamuna chhath 2025 ka shubh muhurat

यमुना षष्ठी के दिन 3 विशेष शुभ मुहूर्त- ब्रह्म मुहूर्त जो यमुना स्नान और दान के लिए उत्तम है, अभिजीत मुहूर्त जो यमुना पूजन के लिए श्रेष्ठ है और रवि योग जिसमें आप मनोकामना पूर्ति के लिए हवन-अनुष्ठान कर सकते हैं। इसके अलावा और भी शुभ मुहूर्त हैं यमुना स्नान, दान आदि कार्यों को करना शुभ रहेगा। आइये जानते हैं यमुना षष्ठी के सभी शुभ मुहूर्तों के बारे में विस्तार से।

मुहूर्त समय
 ब्रह्म मुहूर्त  सुबह 4 बजकर 15 मिनट से सुबह 5 बजकर 1 मिनट तक
 प्रातः सन्ध्या  सुबह 4 बजकर 38 मिनट से सुबह 5 बजकर 47 मिनट तक
 अभिजित मुहूर्त  सुबह 11 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
 विजय मुहूर्त  दोपहर 2 बजकर 6 मिनट से दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक
 गोधूलि मुहूर्त  शाम 6 बजकर 14 मिनट से शाम 6 बजकर 37 मिनट तक
 सायाह्न सन्ध्या  शाम 6 बजकर 15 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक
अमृत काल  रात 9 बजकर 29 मिनट से रात 11 बजे तक
 रवि योग  सुबह 4 बजकर 15 मिनट से सुबह 5 बजकर 51 मिनट

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यमुना षष्ठी 2025 महत्व

yamuna chhath 2025 ki date

हिन्दू धर्म में यमुना नदी को अत्यंत पवित्र और सम्मानित माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमुना जी को श्री कृष्ण की पत्नी के रूप में भी पूजा जाता है। इसी कारण मथुरा और वृन्दावन में यमुना छठ का पर्व बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन यमुना नदी में स्नान करना विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना जाता है।

मान्यताओं के अनुसार, यमुना में स्नान करने से न केवल शरीर की शुद्धि होती है, बल्कि यह मनुष्य की आत्मा को भी शुद्ध करता है। इसके अलावा, यह स्नान इस लोक के समस्त सुखों की प्राप्ति के साथ-साथ मृत्यु के बाद मोक्ष का भी मार्ग प्रशस्त करता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा और अर्चना का भी विशेष महत्व है। कहते हैं कि यदि यमुना षष्ठी के दिन भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए, तो भक्तों का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है।

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