क्या वाकई चातुर्मास में मांगलिक कार्य करना होता है अशुभ? जानें इसके पीछे की वजह

हिंदू धर्म में चातुर्मास में सभी मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। अब ऐसे में इसके पीछे क्या कारण है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
why we should not perform auspicious works during chaturmas

हिंदू धर्म में सभी तिथियों और व्रत का विशेष महत्व है। वहीं आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के साथ चातुर्मास का आरंभ हो चुका है। इस दौरान व्रत और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है और व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। आपको बता दें, चातुर्मास उस माह को कहा जाता है, जिसमें 4 महीनों के लिए सभी शुभ कामों पर रोक लगा दी जाती है। इस दौरान यहां तक की नए कपड़े खरीदने की भी मनाही होती है। अब ऐसे में सवाल है कि चातुर्मास में मांगलिक कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं। इसका क्या कारण है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

चातुर्मास में मांगलिक कार्य क्यों है वर्जित?

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हिंदू धर्म में चातुर्मास का समय बेहद पवित्र माना जाता है। यह चार महीनों की अवधि होती है जो देवशयनी एकादशी से शुरू होकर देवउठनी एकादशी तक चलती है। जिसे चातुर्मास कहा जाता है। चातुर्मास के इन चार महीनों के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां निवास करते हैं या क्षीरसागर में योगनिद्रा में लीन हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि के पालक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं, तो कोई भी शुभ कार्य करना उचित नहीं होता। उनके जागृत होने पर ही शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। आपको बता दें, भगवान विष्णु के शयनकाल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम हो जाता है। इस समय में देवी-देवताओं का आशीर्वाद पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हो पाता, जिससे मांगलिक कार्यों में विघ्न आने की आशंका रहती है। चातुर्मास में जहां भगवान विष्णु शयन करते हैं, वहीं भगवान शिव और माता पार्वती सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इस दौरान भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है

चातुर्मास में ग्रहों की शुभता हो जाती है कम

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भगवान विष्णु को ग्रहों का अधिपति माना गया है। जब वे विश्राम करते हैं, तो ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है। यही कारण है कि इस दौरान कोई भी नया मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या बड़े निवेश की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान ग्रहों की अशुभ स्थिति होती है। इसलिए इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • चातुर्मास में किसकी पूजा करनी चाहिए?

    चातुर्मास में महादेव की पूजा करनी चाहिए। आप मंत्र साधना और भजन-कीर्तन कर सकते हैं। चातुर्मास में दान जैसे पुण्य कार्य करना कल्याणकारी होता है। इस समय तप करने से जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है।
  • चातुर्मास में क्या दान करना चाहिए?

    चातुर्मास के दौरान अन्न, वस्त्र, दीप और छाया दान करना बेहद उत्तम होता है।