हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है और इस दौरान सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को खत्म होगा।
सावन के महीने में एक खास परंपरा ये है कि लोग अपने बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं कटवाते। ऐसा करने के पीछे सिर्फ धार्मिक मान्यताएं ही नहीं, बल्कि कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। सावन में बाल और नाखून न कटवाने की ये परंपरा मौसम और हमारी सेहत से भी जुड़ी हुई है। आइए जानते हैं कि सावन में लोग ऐसा क्यों करते हैं?
सावन में बाल, दाढ़ी और नाखून न काटने के धार्मिक कारण
भगवान शिव से जुड़ाव
सावन में लाखों लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। ये महीना पूरी तरह भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और भगवान शिव को अक्सर लंबे बालों (जटाधारी) और घनी दाढ़ी के साथ दिखाया जाता है। बहुत से भक्त मानते हैं कि सावन में अपने बाल, दाढ़ी और नाखून न काटना भगवान शिव के प्राकृतिक रूप का सम्मान करने जैसा है।
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तपस्या और आत्म-अनुशासन
पुराने समय में सावन के महीने में ऋषि-मुनि संयम और तपस्या का पालन करते थे। वे बाल और नाखून नहीं काटते थे ताकि उनका मन पूरी तरह से पूजा, साधना और खुद को अनुशासित करने में लगा रहे। आज भी जो लोग सावन में बाल या नाखून नहीं कटवाते, वे इसी पुरानी परंपरा का पालन करते हैं, यानी वे भी उस ध्यान और साधना के रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहे होते हैं।
प्राण शक्ति का बहाव
पुराने वैदिक ग्रंथों के अनुसार, हमारे बाल, दाढ़ी और नाखून हमारे शरीर का एक प्राकृतिक हिस्सा हैं। इन्हें काटने से कुछ हद तक शरीर की प्राकृतिक ऊर्जा या प्राण शक्ति के बहाव में रुकावट आ सकती है। इसलिए, सावन के महीने में जब लोग पूजा, ध्यान और संयम में होते हैं, तो कई धार्मिक ग्रंथ सलाह देते हैं कि इन अंगों को बिना काटे छोड़ देना चाहिए।
सावन में बाल, दाढ़ी और नाखून न काटने के वैज्ञानिक कारण
सावन के महीने में बाल या नाखून न कटाने की परंपरा सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और प्राकृतिक भी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बालों की प्राकृतिक सुरक्षा
बारिश के मौसम में हवा में बहुत ज्यादा नमी होती है। हमारे बाल और नाखून प्रोटीन से बने होते हैं और इनमें प्राकृतिक तेल होता है। ऐसे में अगर आप मानसून के दौरान बाल कटवाते हैं, तो उनकी नैचुरल बैरियर हट सकती है। इससे बाल झड़ने, उलझने और सिर की त्वचा में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है।
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एलर्जी और त्वचा की जलन से बचाव
मानसून में हवा में नमी ज्यादा होने से कई लोगों को एलर्जी या त्वचा पर रैशेज की शिकायत होने लगती है। ऐसे में आपके बाल और दाढ़ी एक तरह की ढाल (बैरियर) का काम करते हैं, क्योंकि वे धूल और मिट्टी को जमा करके त्वचा को सीधे संपर्क में आने से बचाते हैं। अगर नाखूनों को ठीक से साफ रखा जाए, तो वे भी छोटे कट या खरोंच से त्वचा को इन्फेक्शन से बचा सकते हैं।
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