रुद्राक्ष की माला में क्यों होते हैं 108 मनके? क्या है इसका रहस्य

रुद्राक्ष की माला काफी पहले से ही मंत्र जाप, ध्यान और साधना का प्रमुख साधन रही है। इसमें कुल 108 मनके होते हैं, इनका गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व होता है। आइए जानते हैं, इन मनकों की संख्या के पीछे छिपे रहस्यों और मान्यताओं के बारे में।
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किसी भी मंत्र का जाप करने के लिए हम सभी माला का इस्तेमाल करते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि माला का जाप कम से कम 108 बार किया जाता है। यही नहीं किसी भी माला में 108 मनके या मोती ही होते हैं। धार्मिक मान्यताओं और आध्यात्मिक परंपराओं की मानें तो रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व होता है। रुद्राक्ष माला धारण करना भी कई तरह से लाभदायक माना जाता है। ऐसे ही चाहे मंत्र जाप हो, ध्यान हो या कोई भी साधना, रुद्राक्ष की माला का प्रयोग आत्मिक शांति और एकाग्रता के लिए किया जाता है। हमारे मन में अक्सर ये सवाल आता है कि आखिर हर रुद्राक्ष की माला में 108 मनके ही क्यों होते हैं और एक अतिरिक्त गुरु मनका भी होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि माला के मनके के लिए आखिर 108 की संख्या ही क्यों चुनी गई है? यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरी आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं छिपी हुई हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इस प्रश्न का सही जवाब।

108 है पूर्णता का प्रतीक

हिंदू धर्म में 108 को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। उपनिषदों की संख्या भी 108 है, संस्कृत के सभी अक्षरों का योग 108 से मेल खाता है और ज्योतिष में 12 राशियां और 9 नक्षत्रांश मिलकर 108 की संख्या बनाते हैं। यही नहीं हिंदू धर्म के अलावा भी बौद्ध और जैन परंपरा में भी 108 संख्या का विशेष महत्व होता है।

rudraksha mala beads

यही कारण है कि मंत्र जाप और साधना के लिए रुद्राक्ष माला में 108 मनके ही रखे जाते हैं। भारतीय परंपरा में 108 संख्या को बेहद पवित्र माना जाता है और 108 का योग 9 होने की वजह से से पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इनमें से 1 का अर्थ है परमात्मा या सर्वोच्च सत्य, 0 को पूर्णता या शून्य का प्रतीक माना जाता है। वहीं 8 अनंत को दिखाता है और ये अनंत ऊर्जा का प्रतीक है। इसी वजह से 108 अंक मानव जीवन और आध्यात्म के संपूर्णता की ओर संकेत देता है।

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रुद्राक्ष माला में 108 मनके होने का ज्योतिष कारण

ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा 12 राशियों और प्रत्येक राशि के 9 नक्षत्रांशों से होकर गुजरता है। यदि हम इन सबको गुना करें तो 12×9 = 108 संख्या बनती है। यह संख्या ब्रह्मांडीय चक्र और जीवन के पूर्णत्व का प्रतीक है। इसी वजह से रुद्राक्ष की माला में भी 108 मनके रखे जाते हैं। यही नहीं पवित्र श्री यंत्र में 54 रेखाएं होती हैं और प्रत्येक रेखा का शिव और शक्ति रूप माना जाता है। 54×2 = 108 इसे भी गुना करने पर 108 की संख्या मिलती है। इस प्रकार 108 अंक ऊर्जा और ब्रह्मांडीय शक्ति के संतुलन को दिखाता है। इसी वजह से रुद्राक्ष की माला में 108 मनके रखे जाते हैं।

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रुद्राक्ष माला में 108 मनके होने के धार्मिक कारण

अगर हम रुद्राक्ष की माला के दानों की संख्या की बात करें तो 108 संख्या संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करती है। एक अन्य मान्यता के कुल 27 नक्षत्र हैं और हर नक्षत्र के 4 चरण हैं और जब हम 27 नक्षत्रों को 4 से गुणा करते हैं तब उसका योग भी 108 ही होता है। रुद्राक्ष की माला का एक-एक दाना नक्षत्र के हर एक चरण का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए माला में 108 मनके रखे जाते हैं।
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Images: freepik. com

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