भाद्रपद अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है जिसे पितरों का तर्पण करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पितरों के लिए दान करते हैं और उनका श्राद्ध करते हैं। इसके अलावा, इस अमावस्या को पिठोरी अमावस्या और कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
इस साल भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है इसलिए इसे शनि अमावस्या भी कहा जाएगा जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी कड़ी में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि शनिवार के दिन पड़ने के कारण भाद्रपद अमावस्या पर तेल का दान करना शुभ होता है। इससे कई लाभ मिलते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस दिन कौन से तेल का दान करना चाहिए और क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ।
भाद्रपद अमावस्या पर तिल का तेल दान करने का महत्व
भाद्रपद अमावस्या पर तिल का तेल दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, तिल और तिल का तेल भगवान विष्णु से जुड़ा है और यह दान पितरों को विशेष रूप से प्रिय होता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन तिल का तेल दान करने से पितरों को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।
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इसके साथ ही, तिल का तेल शनि देव से भी संबंधित है। चूंकि भाद्रपद अमावस्या इस साल शनिवार को पड़ रही है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
इस दिन तिल के तेल का दान करने से शनि दोष और साढ़े साती के अशुभ प्रभावों में कमी आती है जिससे व्यक्ति को राहत मिलती है। इसलिए भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों और शनि देव दोनों की कृपा पाने के लिए तिल का तेल दान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
भाद्रपद अमावस्या पर सरसों का तेल दान करने का महत्व
भाद्रपद अमावस्या पर सरसों का तेल दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सरसों का तेल शनि देव से जुड़ा हुआ है। इस साल, भाद्रपद अमावस्या शनिवार को पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
इस दिन सरसों का तेल दान करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। इससे व्यक्ति को जीवन में आने वाली परेशानियों और बाधाओं से राहत मिलती है।
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इसके अलावा, भाद्रपद अमावस्या पितरों को समर्पित है और सरसों का तेल दान करने से पितर भी प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इस प्रकार, सरसों के तेल का दान पितरों की कृपा और शनि देव के आशीर्वाद दोनों को प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
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image credit: herzindagi
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