barsana ke radha rani mandir ka itihas

Radha Rani Ka Mandir: राधा रानी के इस मंदिर में श्री जी से भी पहले क्यों लगाया जाता है मोर को भोग?

एक मंदिर ऐसा है जहां श्री किशोरी जी से भी पहले मोर को भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में राधा रानी तब तक भोग नहीं पाती हैं जब तक कि मोर भोग ग्रहण न कर ले।
Editorial
Updated:- 2025-09-09, 13:58 IST

श्री राधा रानी के बहुत से मंदिर देश और दुनिया भर में स्थापित हैं। हर मंदिर में वह श्री कृष्ण के साथ विराजित हैं। श्री कृष्ण और राधा रानी को एक साथ शयन कराया जाता है, निद्रा से जगाया जाता है, स्नान कराया जाता है और भोग लगाया जाता है। विशेष रूप से ब्रज में जितने भी प्राचीन मंदिर हैं उनमें श्री राधा रानी और श्री कृष्ण का पूजन एक साथ किया जाता है। हालांकि, एक मंदिर ऐसा भी है जहां श्री किशोरी जी से भी पहले मोर को भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में राधा रानी तब तक भोग नहीं पाती हैं जब तक कि मोर भोग ग्रहण न कर ले। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि इसके पीछे की एक बहुत रोचक कथा है।

किस मंदिर में राधा रानी से भी पहले लगाया जाता है मोर को भोग?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण को मोर बहुत प्रिय था। वह हमेशा अपने मुकुट में मोर पंख लगाते थे। एक बार राधा रानी अपनी सखियों के साथ गहवर वन में घूम रही थीं।

barsana ke radha rani mandir ke rahasya

उसी समय श्री कृष्ण एक मोर का रूप धारण कर नाचने लगे। मोर के रूप में श्री कृष्ण का मनमोहक नृत्य देखकर राधा रानी बहुत प्रसन्न हुईं। मोर के प्रति उनका यह प्रेम देखकर श्री कृष्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह हमेशा मोर के रूप में उनके साथ रहेंगे।

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इसी वजह से, बरसाना में मोर को राधा-कृष्ण का ही रूप माना जाता है। मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाया गया भोग सबसे पहले मोर को खिलाया जाता है, जिसे एक परंपरा के रूप में निभाया जाता है।

barsana ke radha rani mandir ki katha

यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि मोर को भोग लगाने से सीधे राधा-कृष्ण को भोग लग जाता है। यह भी कहा जाता है कि राधा अष्टमी के दिन 56 भोग लगाए जाते हैं और इन व्यंजनों का भोग भी सबसे पहले मोर को खिलाया जाता है जिसके बाद ही इसे भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

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यह अनोखी परंपरा राधा-कृष्ण और मोर के बीच गहरे प्रेम और संबंध को दर्शाती है। ऐसा माना जाता है कि बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जिन्हें राधा रानी का वो वाला भोग प्राप्त होता है प्रसाद के रूप में जिस भोग में से मोर अन्न खाता है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
ब्रज के किस मंदिर में कृष्ण के साथ नहीं है राधा रानी?
ब्रज का प्राचीन दाऊ जी का मंदिर है, जहां श्री कृष्ण के साथ राधा रानी के बजाय बलराम विराजित हैं। 
श्री राधा रानी का अवतरण कैसे हुआ था?
श्री कृष्ण के स्त्री रूप के तेज से अवतरित हुई थीं श्री राधा रानी।
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