Why garlic And onion prohibited in worship and fasting

लहसुन-प्याज पूजा-पाठ और व्रत में क्यों है वर्जित?

सनातन धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने वाले जातकों को लहसून-प्याज न खाने की सलाह दी जाती है। इसे तामसिक की श्रेणी में रखा जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-09-10, 08:00 IST

प्रकृति ने व्यक्ति को जो भी चीजें प्रदान की है। उन्हें शाकाहार के रूप में व्यक्ति ग्रहण कर लेता है। लेकिन हिंदू धर्म में कई शाकाहारी चीजों का पूजा-पाठ और व्रत में शामिल करना शुभ नहीं माना जाता है। इनमें शामिल है प्याज और लहसून। हिंदू धर्म में प्याज और लहसून को तामसिक रूप में देखा जाता है। अगर आप कोई साधना करते हैं। कोई व्रत रखते हैं या फिर कोई बड़े पर्व पर अनुष्ठान करते हैं। इसके अलावा अगर आप यज्ञ करते हैं। इस दौरान पंडित  लहसून-प्याज का सेवन और उपयोग करने के लिए मना करते हैं। लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है। इसके पीछे क्या कारण है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। 

तीन हिस्सों में बांटा गया है भोजन

शास्त्रों के अनुसार भोजन को तीन भागों में बांटा गया है। इनमें पहला सात्विक, दूसरा राजसिक और तीसरा तामसिक भोजन है। इसे लेकर प्राचीन समय में भारत में कहा जाता था कि 'जैसा खाए अन्न, वैसा हो जाए मन' इसका मतलब है कि आप जिस तरह के भोजन करते हैं, आपका मन वैसा ही हो जाता है। साथ ही व्यक्ति का विचार भी वैसा ही हो जाता है। 

जानें क्या है सात्विक भोजन

satvik maharashtrian dishes

सात्विक भोजन ऐसा भोजन है, जिसमें सत्व गुण सबसे अधिक होते हैं। उसे सात्विक भोजन कहा जाता है। इसमें दूध, घी, आटा, हरी सब्जियां, फल आदि चीजें शामिल हैं। ऐसे भोजन ग्रहण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही व्यक्ति के विचार में शुभता से परिपूर्ण रहते हैं। 

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जानें क्या है राजसिक भोजन

राजसिक भोजन एक भोजन जिसमें मसालों की मात्रा अधिक होती है और इसमें मांसाहार भी शामिल किया जाता है। इसे राजसिक भोजन कहते हैं। इसमें केसर, मिर्च और मसालों से लेकर अंडे और मछली जैसे मांसाहार को शामिल किया गया है।

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जानें क्या है तामसिक भोजन

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तामसिक भोजन एक ऐसा भोजन जिसे ग्रहण करने से रक्तों में प्रवाह अधिक बढ़ जाता है। इसे तामसिक भोजन कहा गया है। इसे ग्रहण करने से व्यक्ति को गुस्सा, अंहकार और उत्तेजना का भाव उत्पन्न होता है। बता दें,  लहसुन और प्याज इसी श्रेणी में आते हैं। इसलिए पूजा-पाठ, व्रत या फिर धार्मिक अनुष्ठानों में इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि पूजा के दौरान मन शांत और एकाग्र रहना चाहिए। 

लहसून-प्याज पूजा के दौरान क्यों है वर्जित? 

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पूजा-पाठ के दौरान व्यक्ति को शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए और लहसून-प्याज तीव्र गंध वाले माने जाते हैं। लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन माना जाता है, जो पूजा-पाठ और व्रत के दौरान ग्रहण करने की मनाही होती है।

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Image Credit- HerZindagi

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