
प्रतिदिन ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसा समय निर्धारित किया गया है जो हमें अनुकूल परिणाम देता है और कुछ ऐसा समय है जो हमें प्रतिकूल परिणाम देता है जहां पर चौघड़िया सुबह फल प्रदान करता है तो वहीं दूसरी ओर चौघड़िया हमें कार्यों में विलंबता प्रदान करता है। चाहे व्यापारिक दृष्टि से देखा जाए या फिर पूजन पाठ की दृष्टि से दैनिक जीवन में प्रतिदिन हम कोई ना कोई काम ऐसे करते हैं जो हम लंबे समय के लिए करते हैं इन कार्यों में सुविधा प्रदान के लिए हमें सही चौघड़िया का चयन करना अति आवश्यक होता है। पंडित सौरभ त्रिपाठी जी, छिंदवाड़ा, एमपी ने गुरुवार की पूजा के लिए कुछ चौघड़िया मुहूर्त की जानकारी शेयर की है, जिसे जानना जरूरी है।

आज के दिन की शुरुआत से ही सूर्योदय के समय शुभ चौघड़िया है। जो की पॉजिटिविटी प्रदान करता है। यह समय जप,तप पूजन पाठ, मेडिटेशन के लिए अति शुभ माना जाता है। यह समय हमारे निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ता है और हमारे कार्य में शुभता प्रदान करता है। इसके बाद आता है रोग का चौघड़िया जो कि अशुभ होता है रोग का अर्थ केवल बीमारी से ही नहीं होता रोग का तात्पर्य कार्य में अड़चन और नकारात्मकता लेके आने से है। यह समय व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है। इस समय किसी भी तरह के महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।
उद्वेग चौघड़िया यह समय मानसिक तनाव का होता है इस समय व्यक्ति को किसी भी कार्य करने की बहुत जल्दबाजी होती है और इसके परिणाम बस उसे नुकसान हो जाता है इसीलिए ऐसे उद्वेग कहा जाता है इस समय में किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्य टालना चाहिए और किसी भी निर्णय लेने से बचना चाहिए। इसके बाद आता है चल चौघड़िया जो की चलाई मन होता है इस चौघड़िया में व्यक्ति का मन विचलित होता है इस समय किसी भी तरह की गतिशील कार्य करना शुभप्रत होता है।
| मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
| शुभ | 08:08 बजे से 09:29 बजे तक |
| उद्वेग | 09:29 बजे से 10:49 बजे तक |
| चल | 10:49 बजे से 12:10 बजे तक |
| लाभ | 12:10 बजे से 01:30 बजे तक |

अमृत चौघड़िया यह गुरुवर के दिन का सूर्योदय के बाद का पहले चौघड़िया है जो की पारिवारिक चर्चाओं विवाह संबंधी बातें और पूजन संकल्प आदि के लिए शुभ है। इस समय हमें जप तप ध्यान आदि अवश्य करना चाहिए। चल चौघड़िया यह एक सामान्य चौघड़िया है इस समय हमें अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करना चाहिए अगले दिन के कार्य की सूची तैयार इसी समय कर लेनी चाहिए और विशेष रूप से बच्चों की पढ़ाई के लिए यह समय काफी अच्छा होता है। रोग चौघड़िया यह रात्रि के समय का एक अशुभ चौघड़िया है इसमें हमें किसी भी तरह के आगामी कार्यों के बारे में भी चर्चा नहीं करना चाहिए और इस समय विशेष रूप से हमें अपने इष्ट देवता या गुरु देव का स्मरण करते रहना चाहिए। काल चौघड़िया यह एक अशुभ चौघड़िया है इस चौघड़िया में हमें किसी भी तरह के जोखिम भरे कार्यों से बचना चाहिए साथ ही साथ किसी भी विवाद में नहीं पढ़ना चाहिए।
| मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
| अमृत | 05:31 बजे से 07:11 बजे तक |
| चल | 07:11 बजे से 08:50 बजे तक |
| रोग | 08:50 बजे से 10:30 बजे तक |
| काल | 10:30 बजे से 12:10 बजे तक |

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