Marriage Rituals: शादी से जुड़े कई रीति-रिवाज होते हैं जिनका अपना एक विशेष महत्व होता है। इन्हीं रिवाजों में से एक है शादी के बाद विदाई होना।
यूं तो हर धर्म, प्रांत और स्थान के विवाहिक रीति-रिवाज अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन विदाई की परंपरा सभी जगह एक है। यहां तक कि विदेशों में भी।
शादी के बाद लड़की की विदाई होती है। लड़की अपने माता-पिता को छोड़कर अपने पति के साथ ससुराल जाती है। ससुराल उसका नया घर बन जाता है।
अब सवाल यह कि लड़की ही क्यों विदा होकर ससुराल जाती है। क्यों लड़के विदा नहीं होते। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में।
- ऐसा नहीं है कि सिर्फ लड़कियों की ही विदाई होती है। लड़के भी विदा होते हैं। हालांकि यह रिवाज मात्र पहाड़ी शादियों में है मुख्यरूप से नार्थईस्ट इलाके में।
- भारत के हर स्थान पर, हर प्रांत में यहां तक कि हर धर्म में लड़की अपने माता-पिता का घर छोड़ती है और लड़के के साथ उसके घर जाकर रहने लगती है।
- इस रिवाज के पीछे माना जाता है कि त्रिदेवों का मत था। उन्होंने ही इस परंपरा की नीव रखी थी। सृष्टि के निर्माण के बाद मनु और शतरूपा पृथ्वी पर आए थे।
- यह दोनों पहले स्त्री-पुरुष थे जिनका प्रथ्वी पर आगमन हुआ था। कुछ समय बाद जब विवाह (सुखी वैवाहिक जीवन के उपाय) और उसकी परंपराओं से जुड़ी चीजों के बारे में मंत्रणा होने लगी।
- तब ब्रह्म देव ने भगवान विष्णु और भगवान शिव के समक्ष यह प्रश्न रखा कि स्त्री और पुरुष में से किसे विवाह के बाद अपना घर छोड़ना होगा और क्यों।
- तब विष्णु भगवान और शिव जी ने उत्तर देते हुए कहा कि स्त्री शक्ति के बिना हम कुछ भी नहीं है और अपनी-अपनी पत्नियों के कारण ही हम पूर्ण हुए हैं।

- अगर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी न आतीं और शिव जी के साथ मां पार्वती न आतीं तो प्रकृति का निर्माण और संचालन कभी भी संभव ही नहीं हो पाता।
- स्त्री में ही शक्ति, सौम्यता और संपन्नता है जिससे वह दोनों पक्षों को यानी कि दोनों घरों को संभाल सकती हैं और सुचारू रूप से चला सकती हैं।
- इसलिए भगवान शिव (भगवान शिव के 8 पुत्र) और श्री हरि विष्णु ने स्त्री को पुरुष की आत्मिक शक्ति बताते हुए उन्हीं के विचरण का महत्व समझाया और परंपरा स्थापित की।
- इसके अलावा, एक कारण यह भी है कि स्त्री को लक्ष्मी का रूप मानते हैं और लक्ष्मी चंचल होती है। वह व्यक्ति के जीवन में एक बार स्थाई रूप से आती है।
- साथ ही, एक ही बार ऐसा होता है जब लक्ष्मी व्यक्ति के घर केविलुप्त हो जाती है। इसी परिस्थिति को लड़कियों से भी जोड़कर देखा जाता है।
- एक बार ही स्त्री अपने पैतृक घर में आती है, घर को सुख-संपदा से भरती है और फिर जीवन में एक बार ही उस घर को छोड़ अन्य घर में प्रवेश करती है।
अगर आपके भी मन में यह सवाल उठता है कि आखिर शादी के बाद लडकियां ही क्यों विदा होकर घर जाती हैं या लड़कों को विदाई क्यों नहींजब होती है तो आप इस लेख में दी गई जानकरी के माध्यम से इसके पीछे का कारन जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: shutterstock
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