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जौ उगाने के लिए मिट्टी का सकोरा क्यों होता है खास? जानें नवरात्रि से जुड़ा महत्व

कई सारे लोग नवरात्रि के दिनों में मिट्टी के सकोरे में जौ को उगाते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल पूजा में क्यों होता है। आइए पंडित जी से आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं, ताकि हम भी इनकी महत्वता को जान सके।
Editorial
Updated:- 2025-09-23, 14:36 IST

नवरात्रि के 9 दिन शक्ति को समर्पित होते हैं। इन दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। साथ ही कई जगह पर माता की स्थापना की जाती है। इसके साथ ही घर में जौ को लगाया जाता है। इसे लगाने के लिए मिट्टी के सकोरे का इस्तेमाल किया जाता है। मिट्टी का सकोरा में ही क्यों जौ उगाए जाते हैं? यह सवाल अक्सर दिमाग में आता है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। साथ ही इसके सकारात्मक लाभ क्या होते हैं? इसके बारे में सही से जानते हैं।

नवरात्रि में जौ को उगाने के लिए मिट्टी के सकोरे का इस्तेमाल क्यों होता है?

नवरात्रि में घर का वातावरण पॉजिटिव रहता है। साथ ही हर कोई माता की पूजा में शामिल होतो है। मिट्टी को पूजा में सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल पूजा में अक्सर होता है। इसलिए लोग नवरात्रि में जौ को उगाने के लिए मिट्टी के सकोरे का इस्तेमाल करते हैं। यह परंपरा प्रकृति से जुड़ाव को दर्शाता है। साथ ही संतुलन का संदेश देता है। ऐसे में आपको भी मिट्टी के सकोरे में इसे लगाना चाहिए। आप इसे कुम्हार से जाकर ले सकते हैं।

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मिट्टी के सकोरे में जौ को उगाने से बनी रहती है पवित्रता

मिट्टी का सकोरा शुद्ध और प्राकृतिक होता है। इसमें बोए गए जौ तेजी से अंकुरित होते हैं और पूजा के समय इसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि मां दुर्गा की कृपा से जौ के अंकुर जितने हरे-भरे होते हैं, घर-परिवार में उतनी ही प्रगति और खुशहाली आती है। साथ ही घर में किसी तरह की समस्याएं नहीं आती हैं। इसलिए हर कोई इन्हें नवरात्रि के दिनों में जरूर उगाते हैं और माता की पूजा के स्थान पर रखते हैं।

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मिट्टी के सकोरे में जौ उगाने से बना रहता है ऊर्जा का संचार

वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मिट्टी के पात्र में बीज बोने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सकोरे की मिट्टी घर के वातावरण को शुद्ध करती है और देवी मां की पूजा के लिए यह पवित्र माना जाता है। नवरात्रि में इसमें जौ को उगाने के बाद आप इसे दोबारा किसी अन्य पूजा, विधि-विधान में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कभी खराब नहीं होता है।

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नवरात्रि में जौ बोना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि प्रकृति और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ने का माध्यम भी है। मिट्टी के सकोरे में जौ बोने से न केवल पूजा का महत्व बढ़ता है बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। यही कारण है कि जौ उगाने में मिट्टी के सकोरे का खास महत्व दिया गया है।

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Image Credit-  Freepik

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