रावण का बेटा मेघनाद किस देवी की पूजा करता था? जानें

रामायण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि मेघनाद जब भी किसी से युद्ध करने जाता था तो उससे पहले एक देवी की पूजा किया करता था और उन्हीं देवी की दी हुई शक्तियों से वह हर युद्ध जीत जाता था।
meghnad kis devi ki puja karta tha
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रामायण में ऐसी कई घटनाओं का उल्लेख मिलता है जब मेघनाथ युद्ध के दौरान लक्ष्मण पर भारी पड़ा था और लक्ष्मण के प्राण तक संकट में आ गए थे। इन घटनाओं में हैरानी की बात यह है कि लक्ष्मण जो स्वयं शेषनाग हैं, जिनपर समस्त सृष्टि का भार है उन्हें कैसे युद्ध में कोई हरा सकता है। तो इसका उत्तर देते हुए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि मेघनाद एक देवी की पूजा करता था और उन्हीं देवी से उसे शक्तियां प्राप्त होती थीं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर कौन सी देवी की पूजा करता था मेघनाद जिनसे उसे कई दिव्य शक्तियां प्राप्त हुई थीं।

किस देवी की पूजा करता था मेघनाद?

रावण का पुत्र मेघनाद, जिसे इंद्रजीत भी कहा जाता है, अपनी कुलदेवी की पूजा करता था। ये कुलदेवी अत्यंत शक्तिशाली थीं और उनकी कृपा से ही मेघनाद ने अनेक सिद्धियां और शक्तियां प्राप्त की थीं। रामायण में यहां तक लिखा है कि मेघनाद के पास रावण से भी ज्यादा घातक और काली सिद्धियां थीं।

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मेघनाद की कुलदेवी का नाम देवी निकुंभला था। उन्हें देवी प्रत्यंगिरा और देवी अपराजिता के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी निकुंभला शक्ति का ही एक स्वरूप हैं। उनका रूप कुछ ऐसा था कि उनका सिर शेर का था और बाकी शरीर स्त्री का। मेघनाद ने अपने गुरु शुक्राचार्य के मार्गदर्शन में देवी निकुंभला की घोर तांत्रिक साधना की थी।

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इस साधना के सफल होने के बाद देवी निकुंभला ने मेघनाद को कई वरदान दिए थे। इन्हीं वरदानों के कारण मेघनाद को एक दिव्य रथ मिला था जिस पर सवार होकर वह और भी अधिक शक्तिशाली हो जाता था। वह जानता था कि जब तक वह देवी की पूजा और यज्ञ करता रहेगा, तब तक उसे कोई भी हरा नहीं पाएगा।

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राम-रावण युद्ध के दौरान, जब मेघनाद अपनी कुलदेवी का यज्ञ कर रहा था, तब लक्ष्मण ने जाकर उस यज्ञ को भंग कर दिया। यज्ञ के भंग होने के बाद ही लक्ष्मण मेघनाद का वध कर पाए थे। इस तरह मेघनाद की ताकत का राज उसकी कुलदेवी की पूजा और उनसे प्राप्त सिद्धियों में छिपा हुआ था।

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FAQ

  • रावण को क्यों कहा जाता है दशानन? 

    रावण को दशानन इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसके दस सिर थे।
  • रावण किसका अवतार था? 

    रावण भगवान विष्णु के द्वारपाल विजय का अवतार था।