मां हिंगलाज को आदिशक्ति और देवी पार्वती का रूप माना जाता है। वह 52 शक्तिपीठों में से एक हैं, जो देवी सती के अंगों के गिरने से जुड़े हैं। वहीं यह मंदिर दौसा जिले के राजस्थान राज्य का एक जिले में स्थित है। दौसा जिले में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जिनमें चांद बावड़ी, पपलाज माता मंदिर और हर्षद माता मंदिर शामिल हैं। वहीं हिंगलाज माता के मंदिर का विशेष महत्व बताया गया है। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु कनक दंडवत लगाते हुए पहुंचते हैं और प्रतिदिन सुबह-शाम आरती का आयोजन होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में केवल दर्शन मात्र से ही मां हिंगलाज संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही बेरोजगारों को भी नौकरी का आशीर्वाद मिलता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से मां हिंगलाज मंदिर के बारे में जानते हैं।
हिंगलाज माता के आशीर्वाद से होती है बारिश
हिंगलाज मंदिर के पुजारी जी का कहना है कि इस क्षेत्र में बारिश नहीं होती है, तो कस्बे के लोग मां हिंगलाज मंदिर में पहुंचकर माता जी की पूजा-अर्चना करते हैं। अधिक तर फसलों में पानी की कमी आती है, तो इसलिए यहां सभी श्रद्धा से माता हिंगलाज की पूजा-अर्चना करते हैं। इनके आशीर्वाद से बारिश होती हैं और फसलों में जान आ जाती है। आपको बता दें, हिंगलाज माता को पूजने के लिए हर घर में खीर पुआ और पूरी का का भोग लगाया जाता है।
हिंगलाज माता के आशीर्वाद से मिलता है संतान सुख का आशीर्वाद
ऐसी मान्यता है कि अगर कोई दांपत्य संतान सुख की कामना करते हैं , तो इस मंदिर में पति-पत्नी एक साथ मंदिर जाएं और हिंगलाज माता की विधिवत पूजा-अर्चना करें। उन्हें लाल चुनरी में लड्डू रखकर माता को अर्पित कर दें। इससे संतान सुख की इच्छा पूरी हो सकती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती है। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि अगर किसी जातक को नौकरी में किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है, तो उससे छुटकारा मिल सकता है।
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हिंगलाज माता मंदिर दूसरा पाकिस्तान में है स्थित
हिंगलाज माता मंदिर दूसरा पाकिस्तान में स्थित है। यह मंदिर बलूचिस्तान प्रांत के हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जो देवी सती के अंगों के गिरने से जुड़े हैं। यहाँ देवी हिंगलाज माता की पूजा की जाती है, जिन्हें देवी पार्वती का रूप भी माना जाता है। यह मंदिर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों के लिए पूजनीय है। स्थानीय मुस्लिम मंदिर की सुरक्षा करते हैं और इसे "नानी का मंदिर" कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि हिंगलाज माता मंदिर 2000 साल से भी पुराना है। मां हिंगलाज को शक्ति, समृद्धि, और मनोकामना पूर्ति का देवी माना जाता है।
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