
त्रिपुर भैरवी जयंती जिसे देवी त्रिपुर भैरवी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, तंत्र-मंत्र और शक्ति उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पर्व आमतौर पर मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो साल 2025 में 4 दिसंबर, गुरुवार को है। इस दिन देवी भैरवी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मक और बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं। देवी भैरवी दस महाविद्याओं में से एक हैं और इन्हें तीव्र ऊर्जा की देवी माना जाता है जो अंधकार और भय का नाश करती हैं। अगर आपके जीवन में लगातार बाधाएं आ रही हैं या आपको किसी अज्ञात भय का सामना करना पड़ रहा है तो इस दिन किए गए ये चार विशेष उपाय आपको बुरी शक्तियों से रक्षा प्रदान करेंगे और जीवन में सुख-शांति लाएंगे। आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
त्रिपुर भैरवी जयंती के दिन भैरवी यंत्र को घर के पूजा स्थान पर स्थापित करें। यह यंत्र देवी त्रिपुर भैरवी की ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इस यंत्र को स्थापित करने के बाद, इसे गंगाजल से शुद्ध करें और इसके सामने बैठकर 'ॐ ह्रीं भैरवी कलौं नित्य तृप्तिं देहि नमोस्तुते' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इस उपाय से यंत्र सक्रिय हो जाता है और इसकी शक्तिशाली ऊर्जा आपके घर को बुरी नजर, टोने-टोटके और सभी नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखती है जिससे घर में शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।

बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए यह उपाय बहुत सरल और प्रभावी है। त्रिपुर भैरवी जयंती की रात को विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद, एक मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल भरें और उसमें दो लौंग डालकर जलाएं। इस दीपक को घर के मुख्य द्वार के बाहर रखें। सरसों का तेल और लौंग नकारात्मक ऊर्जा को खींचकर नष्ट करने का काम करते हैं। इस उपाय को करने से घर में प्रवेश करने वाली हर प्रकार की बुरी शक्ति और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार पर ही नाश हो जाता है।
अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को अक्सर नजर लगती है या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं तो यह उपाय करें। त्रिपुर भैरवी जयंती के दिन, सात साबुत काली मिर्च और एक कपूर का टुकड़ा लें। इसे प्रभावित व्यक्ति के सिर से पैर तक 7 बार घड़ी की दिशा में घुमाएं। इसके बाद, इन काली मिर्चों और कपूर को घर के बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर जला दें। यह उपाय तुरंत नजर दोष को समाप्त करता है और व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है जिससे बुरी शक्तियां पास नहीं आती हैं।

किसी भी देवी-देवता को प्रसन्न करने का सबसे बड़ा उपाय दान है। त्रिपुर भैरवी जयंती के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन कराएं। देवी भैरवी को अन्न की देवी अन्नपूर्णा का ही एक रूप माना जाता है, इसलिए इस दिन अन्नदान करने से वे बहुत प्रसन्न होती हैं। इस उपाय को करने से देवी आपको अन्न और धन की कमी से मुक्ति दिलाती हैं और आपके कर्म शुद्ध होते हैं। आपके द्वारा किया गया यह पुण्य कार्य आपके जीवन से सभी कष्टों और बुरी शक्तियों के प्रभाव को स्वतः ही दूर कर देता है।
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