kaha hai rakshaso ka mandir

इन मंदिरों में की जाती है राक्षसों की पूजा, जानें कारण

भारत को मंदिरों का गढ़ माना जाता है। हर मंदिर में देवी-देवताओं के भिन्न-भिन्न रूप स्थापित हैं। वहीं, भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां राक्षसों की पूजा की जाती है। 
Editorial
Updated:- 2024-05-16, 18:03 IST

In Mandiro Mein Hoti Hai Rakshason Ki Puja: भारत को मंदिरों का गढ़ माना जाता है। यहां एक से बढ़कर एक प्राचीन, आलौकिक और रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं। हर मंदिर में देवी-देवताओं के भिन्न-भिन्न रूप स्थापित हैं। वहीं, भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां राक्षसों की पूजा की जाती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जनाते हैं कि किन मंदिरों में होती है दानवों की पूजा और कहां मौजूद हैं ये मंदिर।

शकुनी का मंदिर 

shakuni temple

केरला के कोल्लम जिले में मौजूद है शकुनी का मंदिर। यह वहीं, शकुनी हैं जिनके कारण न सिर्फ पांडवों ने वनवास भोग था बल्कि महाभारत का कारण भी शकुनी ही बनें थे। ऐसा माना जाता है कि शकुनी भले ही मनुष्य थे लेकिन उनका आचारण दुराचारी था और वह नकारात्मकता से भरे हुए थे। उनके विचार दूषित थे और उन्हेओं कुकर्मों का मार्ग ही अपनाया था इसलिए उनकी गिनती भी राक्षसी प्रवृत्ति में की जाती है।  

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रावण का मंदिर 

कानपुर के शिपला इलाके में श्री दशानन मंदिर स्थापित है। यह मंदिर 125 साल पुराना है। इस मंदिर में रावण की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर इसलिए बनवाया गया था क्योंकि रावण एक ब्राह्मण होने के साथ-साथ परम ज्ञानी था और भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त भी था। ऐसा माना जाता है कि रावण जैसा शिव भक्त आज भी सृष्टि पर जन्मा नहीं है। यह मंदिर शिव मंदिर के परिसर में ही आता है।  

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पूतना का मंदिर 

putana temple

शास्त्रों के अनुसार, पूतना राक्षसी को कंस ने भेजा था भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण को मारने के लिए। जब पूतना गोकुल पहुंची थीं तब उसने एक सुंदर स्त्री का भेस धारण कर लिया था और श्री कृष्ण को मारने की इच्छा से दूध पिलाया था। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि बाल कृष्ण को दूध पिलाने के कारण पूतना ने कुछ पलों के लिए ही सही लेकिन माता का पद पाया था इसलिए गोकुल में उनके नाम का मंदिर बनाया गया।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जा सकते हैं कि आखिर भारत में वो कौन से ऐसे मंदिर हैं जहां देवी-देवताओं की नहीं बल्कि राक्षसों की पूजा की जाती है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi   

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