why we should worship radha krishna on sharad purnima

Radha Krishna Puja on Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा के दिन क्यों होती है राधा-कृष्ण की पूजा? जानें कथा और महत्व

शरद पूर्णिमा के दिन जहां एक ओर मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है तो दूसरी ओर यह श्री राधा कृष्ण के पूजन के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। हालांकि, इस दिन राधा रानी और श्री कृष्ण की पूजा क्यों होती है? 
Editorial
Updated:- 2025-10-03, 13:37 IST

हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां पड़ती हैं जिनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है शरद पूर्णिमा जो इस साल 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन जहां एक ओर मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है तो दूसरी ओर यह श्री राधा कृष्ण के पूजन के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। हालांकि, इस दिन राधा रानी और श्री कृष्ण की पूजा क्यों होती है, इसके बार में बहुत ही कम लोगों को पता है। ऐसे में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से शरद पूर्णिमा के दिन श्री राधा कृष्ण से जुड़ी कथा के बारे में।

शरद पूर्णिमा का श्री राधा कृष्ण से क्या है नाता?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला शक्ति से वृंदावन में महारास का आयोजन किया था। उस रात, चंद्रमा अपनी पूर्ण सोलह कलाओं के साथ चमक रहा था और उसकी मधुर चांदनी पूरी धरती पर फैली हुई थी।

sharad purnima pr kyu hoti hai radha krishna ki puja

श्री कृष्ण ने अपनी बांसुरी से ऐसी मधुर धुन बजाई कि सभी गोपियां अपने घरों का काम-काज छोड़कर वृंदावन में एकत्रित हो गईं। गोपियों के प्रेम और भक्ति को देखकर, श्रीकृष्ण ने उनके साथ नृत्य करने का निर्णय लिया।

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उन्होंने अपनी योग माया से हर गोपी के साथ एक कृष्ण का रूप धारण किया। कथाओं के अनुसार, हर गोपी को लगा कि कृष्ण सिर्फ उसी के साथ नृत्य कर रहे हैं। यह महारास रात भर चला और यह माना जाता है कि यह केवल एक नृत्य नहीं था।

यह महारास आत्मा का परमात्मा से मिलन का एक दिव्य और आध्यात्मिक प्रतीक था। चूंकि रासलीला राधा और गोपियों के साथ हुई थी, इसलिए इस दिन राधा-कृष्ण की युगल रूप में पूजा करने का विधान है।

sharad purnima pr radha krishna ki puja karne se kya hota hai

राधा और कृष्ण का प्रेम सांसरिक प्रेम से ऊपर है जिसे रास लीला के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से व्यक्ति को प्रेम, खुशी, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जो भक्त इस रात राधा-कृष्ण की आराधना करते हैं उनके जीवन में प्रेम और भक्ति का संचार होता है।

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आज के दिन राधा-कृष्ण की पूजा में उन्हें सफेद मिठाई, फूल और तुलसी अर्पित किए जाते हैं और रात में भजन-कीर्तन किया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ अखंड प्रेम और भक्ति को प्राप्त करना है।

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FAQ
शरद पूर्णिमा 2025 के दिन क्या है स्नान-दान का शुभ मुहूर्त?
शरद पूर्णिमा 2025 के दिन स्नान-दान के 2 शुभ मुहूर्त हैं: पहला सुबह 4:39 बजे से 5:28 बजे तक और दूसरा दोपहर 12:09 बजे से 01:37 बजे तक।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को कौन सी चीजों का अर्घ्य दें?
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध, चावल और सफेद फूल जल में मिलाकर अर्घ्य दें।
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