शरद पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि होती है जिसे 'कोजागरी पूर्णिमा' भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणें अमृत के समान होती हैं। माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो भक्त उन्हें जागते हुए याद करते हैं, उन्हें आशीर्वाद देती हैं। इसलिए इस रात को किए गए उपाय बहुत ही अचूक और फलदायी माने जाते हैं जिनसे आपके जीवन में धन-वैभव आता है और क्लेश दूर होता है। आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इन उपायों के बारे में विस्तार से।
शरद पूर्णिमा का सबसे प्रसिद्ध उपाय दूध और चावल की खीर बनाना है। रात के समय खीर बनाकर उसे एक खुले बर्तन जैसे मिट्टी के कुल्हड़ या चांदी के पात्र में भर दें। इस बर्तन को पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में छत या बालकनी पर रखें। माना जाता है कि रात भर चंद्रमा की अमृत किरणें इस खीर में समा जाती हैं। अगले दिन सुबह इस खीर का सेवन पूरे परिवार को करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ होता है और मानसिक शांति मिलती है।
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह रात सबसे उत्तम मानी जाती है। रात्रि में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के दौरान कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें। 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। जाप के बाद देवी से धन-वैभव और सुख-शांति की कामना करें।
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तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। रात के समय तुलसी के पौधे के पास एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। तुलसी माता को प्रणाम करें और अपने घर की समृद्धि और क्लेश मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। माना जाता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है।
पूर्णिमा तिथि पर दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन चावल, दूध, चीनी, या सफेद वस्त्रों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को ये वस्तुएं दान करें। दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है, जिससे मानसिक तनाव दूर होता है और जीवन के क्लेशों में कमी आती है।
पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों का वास माना जाता है। इस रात को पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें। यह उपाय आर्थिक संकटों को दूर करने और धन प्राप्ति के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा अनिवार्य है। रात को चंद्रमा जब पूरी तरह से निकल आए, तब दूध और पानी मिलाकर उसे अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय 'ॐ सों सोमाय नमः' मंत्र का जाप करें। चंद्रमा से स्वास्थ्य, लंबी आयु और मन की शांति के लिए प्रार्थना करें। चंद्रमा की किरणों से सीधे संपर्क में आने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
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जिनके वैवाहिक जीवन में क्लेश है, उनके लिए यह रात खास है। पति-पत्नी को एक साथ चंद्रमा की रोशनी में बैठना चाहिए। दोनों को मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पत्नी को अपने पति को सफेद मिठाई खिलानी चाहिए। यह उपाय रिश्तों में मधुरता लाता है और पारिवारिक क्लेशों को दूर करता है।
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