sindoor khela muhurat 2025

Sindoor Khela 2025: 2 अक्‍टूबर को दुर्गा विसर्जन के साथ इस शुभ मुहूर्त पर होगी सिंदूर खेला की रस्‍म, जानिए इसकी विधि

सिंदूर खेला 2025: दुर्गा पूजा विसर्जन से पहले होने वाली सिंदूर खेला की परंपरा का महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त जानें। 2 अक्टूबर 2025 को विजयदशमी के दिन महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी।
Editorial
Updated:- 2025-10-01, 19:58 IST

दुर्गा पूजा के आखिरी दिन माता दुर्गा के मुर्ति विर्सजन से पहले सिंदर खेला की रस्‍म निभाई जाती है। वैसे तो यह रस्‍म बंगालियों में काफी प्रचलित है, मगर अब इसे हर उम्र और वर्ग की महिलाओं के मध्‍य लोकप्रिय होते देखा जा रहा है। ऐसी मान्‍यता है कि सिंदूर खेला के दौरान विवाहित महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर का टीका लगाती हैं और उससे होली खेलती हैं। कहा जाता है ऐसा करने से अखंड सौभाग्‍य की प्राप्‍त‍ि होती हैं। हमने पंडित जी से सिंदूर खेला की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में पूछा। पंडित सौरभ त्रिपाठी कहते हैं, " शारदिय नवरात्रि में मां दुर्गा अपने मायके आती हैं और विजयदश्‍मी के दिन वे अपने ससुराल वापिस जाती हैं। ऐसे में उनकी विदाई के वक्‍त सभी औरतें उन्‍हें सिंदूर चढ़ाती हैं और फिर एक दूसरे को भी लगाती हैं। यह परंपरा वर्षों से निभाई जा रही हैं। "

सिंदूर खेला की विधि

  • सिंदूर खेला की विधि बहुत ही सरल है, लेकिन इसमें गहरी भावनाएं और श्रद्धा जुड़ी होती हैं। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार मानी जाती है:
  • सबसे पहले महिलाएं मां दुर्गा के चरणों में सिंदूर अर्पित करती हैं।
  • देवी के माथे पर सिंदूर का टीका लगाया जाता है और उनकी मांग भी सिंदूर से सजाई जाती है।
  • देवी को सिंदूर चढ़ाने के बाद महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।
  • यह सिंदूर केवल माथे पर ही नहीं, बल्कि मांग और गालों पर भी लगाया जाता है।
  • सिंदूर लगाने के बाद महिलाएं एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मंगलकामनाएं देती हैं।
  • यह पूरा वातावरण उत्सवमय होता है, जिसमें खुशी, रंग और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिलता है।

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durga puja visarjan

2025 में सिंदूर खेला का शुभ मुहूर्त

पंडितों के अनुसार, इस साल सिंदूर खेला की रस्म 2 अक्टूबर 2025 को दुर्गा विसर्जन से पहले निभाई जाएगी। पंचांग के अनुसार दशमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 की शाम 07:01 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर को सुबह 09:13 बजे तक रहेगी। वहीं दुर्गा विसर्जन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त 2 अक्टूबर की सुबह 06:15 से 08:37 बजे तक रहेगा। इसी समय में सिंदूर खेला की रस्म करना विशेष रूप से शुभ माना जाएगा।

धार्मिक मान्यता और आस्था

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंदूर खेला करने से विवाहित महिलाओं को सौभाग्य, दीर्घायु और दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि हर साल हजारों महिलाएं इस दिन उत्साह और श्रद्धा के साथ इस परंपरा को निभाती हैं। पंडितों का कहना है कि जिस तरह मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया जाता है, उसी तरह उनके आशीर्वाद से हर महिला के जीवन में सौभाग्य स्थिर रहता है।

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