100 बार पूछने पर भी नही बताएंगे पंडित...मरने से पहले क्‍या होता है? जानें इन 8 Death Signs के बारे में

क्या व्यक्ति को मृत्यु से पहले मिलते हैं संकेत? जानिए एस्ट्रोलॉजर डॉ. शेफाली गर्ग से कि मृत्यु का पूर्वाभास कैसे होता है और कौन-से 8 संकेत दिखते हैं अचानक, जो बताते हैं कि अंत समय पास है।
death signs

इस संसार का एक शाश्वत और अटल नियम है कि जिस भी प्राणी ने इस धरती पर जन्म लिया है, उसे एक दिन इस दुनिया से जाना ही पड़ता है। जीवन और मृत्यु का यह चक्र निरंतर चलता रहता है, जिसे कोई नहीं बदल सकता।
लेकिन इस अटल सत्य के बावजूद, 'मृत्यु' शब्द सुनते ही इंसान के मन में भय, असहजता और अनगिनत अनसुलझे सवाल पैदा हो जाते हैं। यह सोच और भी गहरी हो जाती है, खासकर जब हमारे किसी करीबी या परिचित की अचानक मृत्यु हो जाती है, तो मन में बार-बार यह प्रश्न उठता है: क्या मरने से पहले व्यक्ति को अपनी मृत्यु की कोई भनक लगती है? यह सवाल हमें जीवन की नश्वरता और उसके रहस्यों पर विचार करने को मजबूर करता है।

इस विषय को लेकर लोगों के मन में अक्सर यह जिज्ञासा जन्म लेती है कि क्या मृत्यु से पहले कोई संकेत मिलते हैं? क्या हमारा शरीर या मन इस परिवर्तन को पहले ही महसूस करने लगता है? क्या आत्मा को अपने अंत का आभास हो जाता है? ऐसे कई सवाल हैं जिनके उत्तर जानने की कोशिश मनुष्य हमेशा से करता आया है।

इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने एस्ट्रोलॉजर और न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. शेफाली गर्ग से बातचीत की। उन्होंने अपने ज्योतिषीय ज्ञान और वर्षों के अनुभव के आधार पर बताया कि मृत्यु से पहले अक्सर व्यक्ति को कुछ विशेष संकेत मिलते हैं। ये संकेत कभी सपनों में, कभी व्यवहार में और कभी शारीरिक बदलावों के रूप में प्रकट होते हैं। डॉ. शेफाली के अनुसार, यदि इन इशारों को समय रहते समझ लिया जाए, तो शायद जीवन की दिशा को बदला जा सकता है या कुछ जरूरी निर्णय समय पर लिए जा सकते हैं। यह विषय भले ही रहस्यमय हो, लेकिन शास्त्रों और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसमें गहराई जरूर है।

मृत्‍यु से जुड़े संकेत और प्रश्‍न

अंत के बाद नई शुरुआत होती है, इस बात से सभी अवगत है। तो मृत्‍यु से डरना क्‍यों? फिर भी मृत्‍यु से जुड़े गूगल पर जो सबसे ज्‍यादा सर्च किए प्रश्‍न है उनके उत्‍तर जानने की हमने कोशिश की है। चलिए जानते हैं कि डॉक्‍टर शेफाली गर्ग क्‍या कहती हैं -

1- मृत्‍यु होने से कितने समय पहले बन जाते हैं मृत्‍यु के योग?

जब बच्‍चे का जन्‍म होता है तब ही तय ही उसकी मृत्‍यु का दिन तय हो जाता है। यहां तक कि यह भी तय हो जाता है कि मृत्‍यु का कारण क्‍या होगा और कहां, कब , कैसे मृत्‍यु होगी। मृत्‍यु के लगभग 3 से 6 महीने पहले से ही इसके योग बनना शुरू हो जाते हैं, जिन्‍हें आम लोगों के लिए समझ पाना मुश्किल होता है।

2-क्या व्यक्ति को मृत्यु का पूर्वाभास हो सकता है?

हां, मृत्‍यु का पूर्वाभास हर उस व्‍यक्ति को हो जाता है, जिसका वक्‍त पूरा होने वाला हो। कुदरत हमारे मुंह से खुद ही बुलवा लेती है कि "हम मरने वाले हैं"। कई बार भागदौड़भरी जिंदगी में हम कुछ बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे- जिस व्‍यक्ति का वक्‍त पूरा होने वाला होता है उसके शरीर में कहीं न कहीं अचानक ही निशान आ जाते हैं। मेरा अनुभव यह है कि, मरने वाले व्‍यक्ति क नाखूनों पर हल्‍का काला निशान आ जाता है। उस निशान की वजह कुछ भी हो सकती है। वहीं वह व्‍यक्ति कुछ वक्‍त पहले से ही मानसिक परेशान रहने लग जाएगा। बेवजह की बातें उसके दिमाग में आएंगी। उन लोगों को भी मृत्‍यु का आभास हो जाता है, जो योग करते हैं और जिनके सारे चक्र खुले हुए होते हैं।

इसे जरूर पढ़ें-घर में किसी की मृत्यु हो जाने के कितने दिन बाद मंदिर जाना चाहिए?

3-क्या कोई अशुभ संकेत या अपशकुन दिखाई देता है?

हां, ऐसा होता है। बहुत से लोग कहते हैं कि मुझे मेरी ही मृत्‍यु का सपना आया। मगर हर पर खुद के मरने का सपना देखना आपकी मृत्‍यु का संकेत नहीं होता है। हालांकि, सपनों में मरने वालों को उसकी मृत्‍यु के संकेत मिल जाते हैं। वहीं अपनी ही मृत्‍यु की खोज करना या कल्‍पना करना भी एक तरह का अशुभ संकेत ही है।

death

4- मृत्‍यु ये पहले मन में कैसे आते हैं विचार?

मृत्‍यु से पहले हर गैरजरूरी काम भी जरूरी लगने लगता है। उन लोगों से बात करना शुरू कर देते हैं, जिन से बरसों से बात न हुई हो। पुराने समय के अच्‍छे बुरे दिन की यादें भी आती हैं। जरूरी नहीं कि हर बार जब ऐसा हो तो यह मृत्‍यु का पूर्वाभास हो, मगर लगातार होना जीवन यात्रा के अंत का संकेत हो सकता है। वहीं अपनी ही मृत्‍यु सपने में दिखे तो व्‍यक्ति के जीवन में कुछ बड़ा होने वाला होता है, जो उसके जीने के अंदाज को बदल देता है।

5-मृत्‍यु से जुड़े वो संकेत जिन्‍हें लोग कर देते हैं नजरअंदाज, वक्‍त रहते उपाय कर लिए जाएं तो बच सकती है जिंदगी?

मृत्‍यु से बचने के कोई उपाय नहीं हैं। हां अकाल मृत्‍यु से बचने के उपाय किए जा सकते हैं। आप नियमित महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। अपने शनि, राहु और केतु को मजबूत बनाकर रखें। इसके लिए आप शनिवार को शनि को सरसों का दीपक जलाएं। शनिवार को अपने सिर से सवा किलो कोयला उतारकर बेहते जल में बहा दें। इसके अलावा अपनी कुंडली किसी अच्‍छे ज्‍योतिष को दिखाकर उपाय करें।

6-क्‍या सच में मृत्‍यु से पहले व्‍यक्ति अपने अच्‍छे-बुरे कर्मों का करने लगता है गुणां-भाग?

मृत्‍यू अंत भी है और नई शुरुआत भी। जाने वाले व्‍यक्ति के मन में यह तो आ ही जाता है कि अपनी सारी जिम्‍मेदारियां पूरी करनी हैं। वहीं जब आप गलत करते हो तो मन में एक कसक रह जाती है और वो पूरी जिंदगी रहती है। उसे दूर करने का प्रयास आपने पूरे जीवन न किया हो, मगर अपने अंतिम दिनों में व्‍यक्ति अपनी भूल सुधारने का प्रयास जरूर करता है। यह सच है कि मृत्‍यु से पहले व्‍यक्ति अपने अच्‍छे-बुरे कर्मों का गुणां भाग लगाने लगता है।

death fear

7-क्या शरीर भी संकेत देने लगता है कि अंत समीप है?

हां, यह बिल्‍कुल सत्‍य है। व्‍यक्ति की जो बृहस्‍पति की उंगली होती है, उससे जीवन शरीर में प्रवेश करता है और जो व्‍यक्ति के सहस्रार चक्र होते हैं, जो सिर के बीच में होते हैं, जिससे हम परमात्‍मा से जुड़े होते हैं, वहां से व्‍यक्ति के प्राण निकलते हैं। जब मृत्‍यु नजदीक होती तब हमारी ज्ञानइंद्रियां कमजोर होने लग जाती हैं। इतना ही नहीं, मृत्‍यु निकल होने पर आपको अपने ही पूर्वज सपनों में नजर आते हैं। हो सकता है कि जिन्‍हें आपने अपना गुरू माना है वो भी आपको सपनों में नजर आएं। इसके अलावा शरीर से जब प्राण निकलने वाले होते हैं, तो सबसे पहले पैर ठंडे होने लगते हैं।

इसे जरूर पढ़ें-किसी की मृत्यु के बाद 13 दिनों तक घर में क्यों जलाया जाता है गोबर का उपला, जानिए इसके पीछे की वजह

8- क्या व्यक्ति को अपने आसपास कुछ अलौकिक अनुभव होने लगते हैं?

इस प्रश्‍न पर बहुत सारे प्रसंग सुनने को मिलते हैं। कुछ लोग आपने अनुभव या जिनको मरते हुए उन्‍होंने देखा है, बताते हैं कि मरने से पहले उन्‍हें अलग-अलग तरह की छवियां दिखती हैं। कई बार यह भी देखा गया है कि मरने वाला व्‍यक्ति कुछ वक्‍त से पूरी तरह से शांत हो जाता है , तब यही समझा जाता है कि उसने अपनी मृत्‍यु की यात्रा शुरू कर दी है। वहीं कुछ ऐसी बातें भी सुनी गई हैं कि मृत्‍यु से पहले व्‍यक्ति वो सब कुछ करता है,जो उसने बहुत समय से नहीं किया होता है।

नोट: इस लेख का उद्देश्य किसी व्यक्ति की मृत्यु का समय, कारण या तिथि बताना नहीं है। हमारा उद्देश्य केवल एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण के आधार पर यह समझाना है कि कुछ विशेष परिस्थितियों का पूर्वाभास व्यक्ति को हो सकता है, और यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया भी मानी जाती है। इस लेख में प्रस्तुत जानकारी सामान्य अवधारणाओं और अनुभवों पर आधारित है, जो हर स्थिति में पूरी तरह सही या सटीक हो, ऐसा आवश्यक नहीं है।

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य धर्म पर आधारित लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • जब मृत्‍यु करीब होती है तो मरने वाले क्‍या दिखता है ?

    गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के कुछ दिन पहले सपने में पूर्वज नजर आने लगते हैं।
  • मृत्यु के 1 महीने पहले क्या होता है?

    मन विचलित रहता है और सबसे पहले आंखों से धुंधला दिखना, कम सुनाई देता है और सूंघने की शक्ति भी कमजोर हो जाती है। 
  • क्या मरा हुआ व्यक्ति आपको सुन सकता है?

    पुराणों की माने तो हां, मरने के बाद व्‍यक्ति वहीं अपने शरीर के पास होता है और विलाप कर रहा होता है। अपने मृत्‍यु का दुख उसे भी होता है और वो सारी स्थिति को सुन और देख सकता है कि लोग उसके पीछे उसके बारे में क्‍या कह रहे हैं। 
  • सपने में मृत प्रियजन से बात करने का क्‍या है मतलब? 

    मृत व्‍यक्ति सपने में आपसे क्‍या कह रहा है, उस पर निर्भर करता है कि यह सपना आपके लिए शुभ है या अशुभ। जैसे यदि मृत व्‍यक्ति विलाप करता दिखे तो समझ लें कि उसकी आत्‍मा दुखी है। हंसता हुआ दिखे तो समझ लें कि आपके साथ कुछ अच्‍छा होने वाला है।