Navratri 2024: नीम के बंधनवार का क्या महत्व है?

नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा में घर के मुख्य द्वार पर बंधनवार भी जरूर बांधा जाता है। वैसे तो कई तरह के बंधनवार बनाया जाता है, लेकिन नीम का बंधनवार का नवरात्रि में खास महत्व है। 

 
significance of neem toran

हिंदू धर्म में चार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिसमें से तो प्राकट्य और दो गुप्त नवरात्रि होती है। फिलहाल 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो चुकी है। नवरात्रि के नव दिनों में नीम के पेड़ में स्वयं मां दुर्गा विराजती हैं। इसलिए नौ दिनों तक नीम के पेड़ की पूजा और नीम के पत्तों का मां दुर्गा की पूजा में इस्तेमाल को बहुत शुभ माना गया है।

नीम के पेड़ की पूजा पाठ में विशेष महत्व है, ऐसे में इसके पत्तों से बने बंधनवार का भी बहुत महत्व बताया गया है। मान्यता है कि नीम के पेड़ में मां पार्वती और शीतला माता वास करती हैं, इसलिए यह हिंदू धर्म में पूजनीय पेड़ में से एक है। नीम के पेड़ का न सिर्फ पूजा-पाठ और शास्त्रों में महत्व है, बल्कि आयुर्वेद में भी इसे महत्वपूर्ण औषधि का दर्जा दिया गया है।

नीम के बंधनवार का क्या महत्व है?

significance of neem toran during navratri

नवरात्रि के नौ दिनों तक घट स्थापना और दुर्गा मां की पूजाके बाद घर के मुख्य द्वार पर बंधनवार बांधा जाता है। बंधनवार में स्वयं हनुमान जी वास करते हैं, बंधनवार को हनुमान जी का रूप माना गया है और कोई भी पूजा बंधनवार के बिना अधूरी है। बंधनवार की पूजा के बाद उसे घर के मुख्यद्वार पर बांधा जाता है, ताकि पूजा पाठ में किसी प्रकार की बाध उतपन्न न हो। इसके अलावा हनुमान जी घर के सदस्यों की रक्षा करें और घर के लोग किसी बीमारी ग्रसित न हो। नवरात्रि में नीम के पत्तों से बंधनवार बनाकर घर के मुख्यद्वार पर बांधने से नकारात्मक और काली शक्ति घर के अंदर प्रवेश नहीं करती और न ही लोग बीमार पड़ते हैं।

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कैसे बनाएं नीम के पत्तों से बंधनवार?

What does the neem tree symbolize,

  • नीम के पत्तों से बंधनवार बनाने के लिए आप सबसे पहले नीम के पत्ते टहनी समेत तोड़ लें।
  • अब टहनी या पत्तों को गुच्छों में रखें, नीम के पत्तों का 5,7,9 या 11 गुच्छा बना लें।
  • अब अपने घर के मुख्य द्वार के नाप में मौली धागा लें और उसमें सभी गुच्छों को 4-5 इंच की दूरी में बांध लें।
  • नीम के गुच्छों को बांधने के बाद उसे किसी पवित्र बर्तन पर रखें और उसकी पूजन करें।
  • पूजन के बाद हनुमान जी से प्रार्थना करें कि वो बंधनवार में आकर विराजित हो और उनके परिवार की रक्षा करें।
  • पूजा के बाद इस बंधनवार को घर के मुख्यद्वार में लेजाकर बांध दें।

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Image Credit: Freepik and youtube

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