(significance of kunteshwar dham miraculous shivling) भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। इनमें से कुछ मंदिर प्राचीन हैं, जो हजारों साल पुराने हैं और कुछ स्थापित किए गए हैं। वहीं भगवान शिव को समर्पित कई शिव मंदिर हैं और 12 ज्योतिर्लिंग भी शामिल हैं। इनके दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में एक ऐसा शिवलिंग भी है। जिसकी पूजा करने के लिए आज भी माता कुंती आती हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
चमत्कारी शिवलिंग की पूजा करने आती हैं माता कुंती
महाभारत काल में जब पांडव अज्ञातवास पर निकले थे, तब कुछ सालों के लिए वह सभी बाराबंकी के बदोसराय कस्बा से दो किलोमीटर की दूरी पर राजा विराट की नगरी में अज्ञातवास का समय व्यतीत करने लगे थे। इस दौरान माता कुंती के सपने में भगवान श्रीकृष्ण आए और उन्होंने बताया कि यदि वह भगवान शिव के शिवलिंग की स्थापना कर पारिजात पेड़ के फूल उनकी पूजा में अर्पित करेंगे, तो पांडवों की जीत सुनिश्चित होगी। जिसे लेकर माता कुंती ने भीम को आदेश दिया कि वह कैलाश पर्वत से शिवलिंग लाकर यहां स्थापित करें और ठीतक वैसा ही हुआ। भीम के द्वारा लाया गया शिवलिंग को माता कुंती ने कुंतेश्वर धाम में स्थापित किया और अर्जुन ने अपने गांडीव धनुष से तीर चलाकर स्वर्ग से पारिजात पेड़ को लाकर पृथ्वी पर स्थापित किया और इसी फूल से माता कुंती ने भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा-अर्चना पहली बार की थी। ऐसा कहा जाता है कि आज भी इस चमत्कारी शिवलिंग की पूजा करने के लिए माता कुंती आती हैं।
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बाराबंकी में स्थित कुंतेश्वर मंदिर
महाभारत काल में पांडवों के अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने इसी शिवलिंग की पूजा-अर्चना की थी। ऐसा कहा जाता है कि आज भी, हर सुबह माता कुंती अदृश्य रूप में इस शिवलिंग की पूजा करने आती हैं। इस शिवलिंग को लेकर अनेक मान्यताएं हैं। कहते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस शिवलिंग की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माता कुंती के नाम पर ही इस मंदिर का नाम कुंतेश्वर धाम रखा गया है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग 5 फुट ऊँचा है। मंदिर में माता कुंती, पांडवों, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की भी मूर्तियां स्थापित हैं।
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चमत्कारी मंदिर का रहस्य
ऐसा कहा जाता है कि जब से इस मंदिर की स्थापना हुई है, तब से आज तक जब भी सुबह मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, तो शिवलिंग का अभिषेक किया हुआ मिलता है। इस मंदिर में भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं।
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