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Pitro Ke Sanket: पितृपक्ष में काले कुत्ते और कौवे का एक साथ दिखना नहीं है मामूली बात, जानें क्या कहना चाह रहे हैं आपके पूर्वज आपसे

पितृपक्ष के दौरान कौवे और काले कुत्ते का दिखना कोई मामूली बात नहीं है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दोनों का एक साथ दिखना आपके पूर्वजों की तरफ से एक विशेष संदेश हो सकता है जिसे समझना बहुत जरूरी है। 
Editorial
Updated:- 2025-09-09, 16:01 IST

पितृपक्ष के दौरान, जब हम अपने पितरों को याद करते हैं और उनका श्राद्ध करते हैं तो हमारे आसपास होने वाली हर घटना का एक खास मतलब होता है। ठीक ऐसे ही पितृपक्ष के दौरान कौवे और काले कुत्ते का दिखना कोई मामूली बात नहीं है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दोनों का एक साथ दिखना आपके पूर्वजों की तरफ से एक विशेष संदेश हो सकता है जिसे समझना बहुत जरूरी है। असी में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि पितृपक्ष के दौरान काले कुत्ते और कौवे का एक साथ दिखना किस बात को दर्शाता है।

कौवे और पितृपक्ष का संबंध

सनातन धर्म में कौवों को पितरों का प्रतीक माना गया है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज कौवे के रूप में धरती पर आते हैं। इसलिए श्राद्ध कर्म के दौरान बनाया गया भोजन सबसे पहले कौवों को खिलाया जाता है।

pitru paksha mein kale kutte aur kauve ke sath mein dikhne ka kya arth hai

अगर कौवा उस भोजन को ग्रहण कर ले तो यह माना जाता है कि पितरों ने तर्पण स्वीकार कर लिया है और वे आपसे प्रसन्न हैं। अगर कौवा भोजन न खाए, तो यह एक अशुभ संकेत हो सकता है जिसका अर्थ है कि आपके पितर आपसे नाराज हैं या उनकी आत्मा को शांति नहीं मिली है।

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कुत्ते और पितृपक्ष का संबंध

धार्मिक मान्यताओं में कुत्ते को यमराज का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि कुत्ते की पूजा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। पितृपक्ष में कुत्ते को भोजन कराने का विशेष महत्व है क्योंकि यह पितरों को संतुष्ट करने का एक तरीका है।

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कुत्ते को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति कराने में कुत्ते की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इस बात का उदाहरण महाभारत के बात जब युद्धिष्ठिर स्वर्ग पहुंचे थे काले कुत्ते के साथ, इससे मिलता है।

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कौवे और काले कुत्ते का एक साथ दिखना

पितृपक्ष में काले कौवे और काले कुत्ते का एक साथ दिखना एक विशेष और शक्तिशाली संकेत है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके पितर आपकी पूजा से संतुष्ट हैं और वे आपको आशीर्वाद दे रहे हैं।

pitru paksha mein kale kutte aur kauve ke sath mein dikhne ka kya matlab hai

यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आपके पितरों की कुछ अधूरी इच्छाएं हैं जो वे आपसे पूरी कराना चाहते हैं। वे आपको किसी विशेष कार्य को करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

कभी-कभी यह किसी आने वाली परेशानी का भी संकेत हो सकता है, जिससे बचने के लिए आपके पूर्वज आपको सचेत कर रहे हैं। ऐसे में आपको अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और भगवान का स्मरण करना चाहिए।

अगर आप श्राद्ध कर्म कर रहे हैं और उसके तुरंत बाद ये दोनों एक साथ दिखें तो इसका मतलब है कि आपका श्राद्ध कर्म सफल रहा है और पितरों ने उसे स्वीकार कर लिया है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
पितृपक्ष के दौरान कौन सा दीया जलाना चाहिए?
पितृपक्ष के दौरान काले तिल का दीया जलाना शुभ माना जाता है।
क्या पितृपक्ष में तुलसी तोड़ सकते हैं?
पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए।
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