laddu gopal puja rules in pitru paksha

Pitru Paksha Mein Laddu Gopal Ki Puja: पितृपक्ष में लड्डू गोपाल की कर रही हैं पूजा तो आज से ही बरत लें ये सावधानी, न करें ये गलतियां

पितृपक्ष के दौरान अगर आप लड्डू गोपाल की पूजा कर रही हैं तो ऐसे में कुछ बातों को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है और जिन गलतियों का पता भी नहीं चलता उन गलतियों को करने से बचना भी महत्वपूर्ण है।
Editorial
Updated:- 2025-09-09, 14:26 IST

पितृपक्ष से जुड़े कई नियम हैं जिनका पालन करना इस दौरान बहुत आवश्यक माना जाता है। इन्हीं में से एक नियम है लड्डू गोपाल की पूजा से जुड़ा। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि पितृपक्ष के दौरान अगर आप लड्डू गोपाल की पूजा कर रही हैं तो ऐसे में कुछ बातों को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है और जिन गलतियों का पता भी नहीं चलता उन गलतियों को करने से बचना भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में आइये जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान लड्डू गोपाल की पूजा के समय कौन सी बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।

पितृपक्ष के दौरान लड्डू गोपाल की पूजा के नियम

पितृपक्ष का समय पितरों को याद करने और उनका सम्मान करने के लिए होता है। ऐसे में कई लोग यह सोचकर परेशान हो जाते हैं कि क्या इस दौरान लड्डू गोपाल की रोज की पूजा और सेवा जारी रखनी चाहिए या नहीं।

pitru paksha mein laddu gopal ki puja ki vidhi

ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान भी लड्डू गोपाल की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ करनी चाहिए, लेकिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि पितरों का आशीर्वाद भी मिले और भगवान की सेवा में भी कोई कमी न आए।

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पितृपक्ष के दौरान लड्डू गोपाल की सेवा के नियमों में कोई बदलाव न करें। उन्हें जिस तरह सुबह जगाते हैं, स्नान कराते हैं, भोग लगाते हैं और रात में सुलाते हैं, वो सभी क्रियाएं वैसे ही जारी रखें।

पितृपक्ष में पितरों को सात्विक भोजन ही अर्पित किया जाता है। इसलिए लड्डू गोपाल को भी सिर्फ सात्विक भोजन का भोग लगाएं। लड्डू गोपाल को आप जो भी बोग लगाएं उसे सबसे पहले पितरों को अर्पित करें और फिर ही खाएं।

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pitru paksha mein laddu gopal ki puja ka mahatva

हालांकि यह पितरों को याद करने का समय है, लेकिन घर में अत्यधिक शोक का माहौल नहीं होना चाहिए। लड्डू गोपाल तो प्रेम और आनंद के प्रतीक हैं। उन्हें प्रसन्न रखने के लिए घर का वातावरण सकारात्मक रखें।

कुछ लोग मानते हैं कि पितृपक्ष में सूतक होता है और इस दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए। लेकिन यह धारणा गलत है। पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म और देवताओं की पूजा दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। श्राद्ध से पितरों को शांति मिलती है और भगवान की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

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पितृपक्ष के दौरान आमतौर पर कोई भी नई चीज घर लाने या खरीदने की मनाही है, लेकिन अगर आप लड्डू गोपाल के लिए कुछ ला रहे हैं जैसे कि नई पोशाक, नए श्रृंगार की वस्तुएं आदि तो बिलकुल भी संकोच न करें। भगवान के लिए की गई खरीदारी शुभ ही मानी जाती है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
क्या पितृपक्ष में तुलसी तोड़ सकते हैं?  
पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। 
पितृपक्ष के दौरान क्या दान करना चाहिए?
पितृपक्ष के दौरान काले तिल का दान करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। 
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