Ekadashi Vrat Tithi in August 2024: अगस्त के महीने में कब-कब पड़ेंगी एकादशी तिथियां, शुभ मुहूर्त के साथ यहां लें पूरी जानकारी

किसी भी महीने की एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और इस दौरान किया गया पूजन मुख्य रूप से फलदायी माना जाता है। यदि आप इस दिन व्रत करते हैं तो मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 

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हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि को विशेष माना जाता है और इनमें विष्णु पूजन का विशेष विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति एकादशी तिथि में व्रत उपवास करने के साथ विष्णु पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करता है उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ति होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने दो एकादशी तिथियां होती हैं और इनमें अलग तरीके से पूजन किया जाता है। इन्हीं में से सावन महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का भी अपना अलग महत्व है और इसके लिए ऐसी मान्यता है कि जो भी संतान प्राप्ति की इच्छा में यह व्रत रखकर विधि-विधान से विष्णु की का पूजन करता है उसकी संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होने के साथ संतान की सेहत भी अच्छी बनी रहती है।

इसी प्रकार अगस्त के महीने में दो एकादशी तिथियां पड़ेंगी पहली पुत्रदा एकादशी और दूसरी अजा एकादशी। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें अगस्त में पड़ने वाली दोनों तिथियों के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अन्य बातों के बारे में विस्तार से।

अगस्त में पुत्रदा एकादशी कब है?

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 16 अगस्त, शुक्रवार को पड़ेगी। ऐसी मान्यता है कि जो इस दिन विष्णु जी का पूजन करता है उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि आमतौर पर अगस्त के महीने में आती है।

पुत्रदा एकाक्षी का शुभ मुहूर्त क्या है?

  • सावन पुत्रदा एकादशी तिथि का आरंभ- 15 अगस्त प्रातः 10 बजकर 26 मिनट से होगा
  • सावन पुत्रदा एकादशी तिथि का समापन- 16 अगस्त प्रातः 9 बजकर 39 तक
  • उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त को ही मनाई जाएगी।

सावन पुत्रदा एकादशी का महत्व

श्रावण पुत्रदा एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए एक अत्यधिक शुभ दिन माना जाता है, जिन्हें ब्रह्मांड का रक्षक और संरक्षक माना जाता है। भक्तों का मानना है कि इस दिन व्रत रखने से उनके सभी पाप दूर हो जाते हैं और मोक्ष या जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करने में मदद मिलती है। श्रावण पुत्रदा एकादशी के पालन में उपवास, प्रार्थना और दान भी शामिल है। यह उपवास एकादशी की पूर्व संध्या से शुरू होता है और अगले दिन, द्वादशी के दिन इसका पारण किया जाता है।

सावन पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

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  • सावन पुत्रदा एकादशी के दिन जल्दी उठकर स्नानादि से मुक्त होकर पूजन शुरू करें।
  • विष्णु जी का पूजन माता लक्ष्मी के साथ करें। इसके लिए आप एक चौकी पर माता लक्ष्मी जी की मूर्ति विष्णु जी के साथ स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु के पवित्र मंत्र 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय'का कम से कम 108 बार जाप करें।
  • भगवान विष्णु को समर्पित विष्णु सहस्रनाम का इस दिन पाठ करना भी आपके लिए शुभ होगा।
  • पीले फूल अर्पित करना और पीले वस्त्रों में किया गया पूजन विष्णु जी को स्वीकार्य माना जाता है।
  • इस दिन एकादशी की कथा का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है।
  • इस दिन आप पूजन के बाद आरती करें और भोग अर्पित करें।
  • जरूरतमंदों को पुत्रदा एकादशी के दिन दान देना बहुत शुभ माना जाता है।

अगस्त के महीने में अजा एकादशी कब है

इस साल अजा एकादशी 29 अगस्त 2024, गुरुवार को ही मनाई जाएगी। इस दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करने से आपको विशेष फलों की प्राप्ति हो सकती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से आपके घर में समृद्धि बनी रहती है।

अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त

  • अजा एकादशी तिथि प्रारंभ- 29 अगस्त 2024, गुरूवार, प्रातः 01:18 बजे से
  • एकादशी तिथि का समापन 30 अगस्त 2024, शुक्रवार प्रातः 01:36 बजे तक
  • व्रत पारण का शुभ मुहूर्त: 30 अगस्त, 2024, प्रातः 08:44 बजे से दोपहर 11:12 बजे तक

अगस्त के महीने में अजा एकादशी का महत्व

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हिंदू धर्म में भादो महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अजा एकादशी का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ करने के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं। इस दिन व्रत करने से आपको कई यज्ञों के पूजन के बराबर फल मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन विशेष रूप से फलदायी होते हैं।

अजा एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। इस दिन उपवास करने से आध्यात्मिक उन्नति और शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन को भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का शुभ अवसर माना जाता है।

अजा एकादशी व्रत की पूजा विधि

  • इस दिन आप सूर्योदय से पहले स्नान करें और पूजा स्थल को साफ करें। सभी देवी-देवताओं को नए वस्त्र पहनाएं।
  • भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनकी तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें।
  • इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और पूरे परिवार के साथ बैठकर पूजन करें।
  • पूरे दिन उपवास का पालन करें और शाम के समय विष्णु जी का पूजन करें।
  • दिनभर फलाहार का पालन करें और भोग में भी फलाहार अर्पित करें।
  • यदि आप इस दिन विष्णु जी को पीली वस्तुओं का भोग लगाते हैं तो शुभ फलदायी माना जाता है।

यदि आप एकादशी तिथि का उपवास करते हैं तो अगस्त महीने की तिथियों के बारे में यहां विस्तार से जानकारी ले सकते हैं। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

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Images:Freepik.com

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