सावन पंचक का ज्योतिष में विशेष महत्व है। यह वो समय होता है जब चंद्रमा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में गोचर करता है और इस दौरान कुछ खास तरह के काम करने से बचने की सलाह दी जाती है। सावन के महीने में पंचक का आना इसे और भी महत्वपूर्ण बना देता है क्योंकि यह भगवान शिव की पूजा का पवित्र समय होता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, पंचक काल में किसी भी नए और शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचना चाहिए जैसे गृह प्रवेश, विवाह, या यात्रा। हालांकि, धार्मिक कार्यों और भगवान शिव की पूजा पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि इस दौरान की गई शिव आराधना और भी फलदायी मानी जाती है। 17 जुलाई को पंचक समाप्त हो जाएगा, ऐसे में ग्रह दोषों से छुटकारा पाने के लिए सावन में पड़ने वाले इस रोग पंचक के आखिरी दिन बस 1 उपाय करे लें जिसके बारे में हमें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया।
सावन पंचक 2025 के आखिरी दिन करें ये उपाय
सावन पंचक का आखिरी दिन यानी 17 जुलाई 2025, गुरुवार को है। इस दिन पंचक समाप्त हो रहे हैं और ऐसे में ग्रह दोषों को दूर करने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं। चूंकि यह गुरुवार का दिन है और साथ ही पंचक का समापन हो रहा है तो भगवान विष्णु और गुरु ग्रह से संबंधित उपाय विशेष फलदायी होंगे।
पंचक का समय भले ही कुछ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता हो, लेकिन धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। चूंकि सावन भगवान शिव को समर्पित है और पंचक का आखिरी दिन गुरुवार है इसलिए इस दिन शिव और विष्णु दोनों की संयुक्त पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में या किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल अर्पित करें। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही, भगवान विष्णु की भी पूजा करें, उन्हें पीले फूल, तुलसी दल और पीली मिठाई अर्पित करें। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
हल्दी को ज्योतिष में बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है और यह गुरु ग्रह से भी संबंधित है। पंचक के दौरान हल्दी का उपयोग दोषों को दूर करने में सहायक माना जाता है। 17 जुलाई को स्नान करते समय अपने नहाने के पानी में थोड़ी सी हल्दी मिला लें। इस जल से स्नान करने से शरीर और मन शुद्ध होता है और ग्रह दोषों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
इसके अलावा, आप माथे पर हल्दी का तिलक भी लगा सकते हैं जिससे गुरु ग्रह मजबूत होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। तुलसी को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है और यह ग्रह दोषों को शांत करने में बहुत प्रभावी है। 17 जुलाई को शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। तुलसी माता की परिक्रमा करें।
'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं। ध्यान रखें कि तुलसी के पौधे में शिवलिंग न रखें क्योंकि तुलसी और शिव का एक साथ होना शास्त्र सम्मत नहीं माना जाता। ज्योतिष में दान को ग्रह दोष निवारण का एक महत्वपूर्ण उपाय माना गया है।
7 जुलाई को अपनी सामर्थ्य अनुसार किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू, चने की दाल या केले का दान करें। गुरुवार के दिन किए गए दान से गुरु ग्रह मजबूत होता है, जिससे शिक्षा, धन और विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
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image credit: herzindagi
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