Pradosh Vrat 2025: कब है सावन का आखिरी प्रदोष व्रत? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Sawan Pradosh Vrat Kab Hai 2025: मान्यता है कि सावन के प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की आराधना से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसी कड़ी में आइये जानते हैं कि सावन का आखिरी प्रदोष कब पड़ रहा है और क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त एवं महत्व।
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सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। वहीं, इस दौरान पड़ने वाले एकादशी, सोमवार, मंगलवार, शिवरात्रि, दुर्गाष्टमी एवं प्रदोष व्रत बहुत विशेष माने जाते हैं। खास तौर पर सावन में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई अधिक गुना बढ़ जाता है। मान्यता है कि सावन के प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की आराधना से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसी कड़ी में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि सावन का आखिरी प्रदोष कब पड़ रहा है और क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त एवं महत्व।

सावन आखिरी प्रदोष व्रत 2025 कब है?

सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 6 अगस्त, बुधवार के दिन दोपहर 2 बजकर 8 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 7 अगस्त, गुरुवार के दिन दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में सावन के आखिरी प्रदोष की पूजा 6 अगस्त को प्रदोष काल में की जाएगी।

सावन आखिरी प्रदोष व्रत 2025 शुभ मुहूर्त

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सावन के आखिरी प्रदोष की पूजा के लिए 6 अगस्त को प्रदोष काल का समय शाम 7 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा और रात 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। ऐसे में पूजा के लिए कुल अवधि 2 घंटे 8 मिनट है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में पूजा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।

सावन आखिरी प्रदोष व्रत 2025 महत्व

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन सच्चे मन से शिव जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन में पड़ने के कारण भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। दोष व्रत करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

यह उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करता है। भगवान शिव की कृपा से बीमारियां दूर होती हैं। बुध प्रदोष व्रत होने के कारण यह बुध ग्रह से संबंधित दोषों को शांत करने में भी सहायक होता है। जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर या अशुभ है उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए।

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इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है। आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है और व्यापार व नौकरी में उन्नति के मार्ग खुलते हैं। सावन का प्रदोष व्रत परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य स्थापित करने में भी सहायक होता है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर क्या दान करें? 

    सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर अनाज, वस्त्र और सबसे ज्यादा नंदी सेवा का दान करना शुभ माना जाता है। 
  • सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के लिए कौन सा दीया जलाएं? 

    सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के लिए घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।