मानसिक शांति के लिए सावन में जरूर करें इस शिवलिंग की पूजा, जानें सही विधि और नियम

हिंदू धर्म में सावन महीने में शिवलिंग पूजा का विशेष विधान है। इस दिन ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। आइए इस लेख में विशेष विधि और नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
sawan 2025 crystal or sphatik shivling puja vidhi and niyam

हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह वह समय है जब प्रकृति शिवमय हो जाती है और भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों में लीन रहते हैं। इन्हीं में से एक विशेष अनुष्ठान है स्फटिक शिवलिंग की पूजा। स्फटिक, जिसे क्वार्ट्ज भी कहते हैं। इससे बने शिवलिंग की पूजा का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। स्फटिक को देवी लक्ष्मी और भगवान शिव दोनों से जोड़ा जाता है। अब ऐसे में अगर किसी जातक को बार-बार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही मानसिक परेशानियां हो रही है तो आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से स्फटिक शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने की विधि और नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

स्फटिक शिवलिंग की पूजा किस विधि से करें?

crystal_shivling_with_silver_jalhari_main_product_image_09

पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें।
शिवलिंग को साफ जल या कच्चे दूध से धोकर शुद्ध करें।
एक साफ, लाल या सफेद कपड़े पर या तांबे या पीतल की थाली में शिवलिंग को स्थापित करें।
पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करें, क्योंकि किसी भी शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा अनिवार्य है।
स्फटिक शिवलिंग पर पंचामृत जैसे कि कच्चा दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
अभिषेक के बाद शिवलिंग को साफ कपड़े से पोंछ लें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, चंदन, धूप और दीप अर्पित करें।
आखिर में, आरती करें और भगवान शिव से अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करें।

स्फटिक शिवलिंग की पूजा करने के नियम

शिवलिंग को हमेशा घर के ईशान कोण में स्थापित करें। ध्यान रहे कि शिवलिंग का मुख उत्तर दिशा की ओर हो।
घर में रखे जाने वाले शिवलिंग का आकार अंगूठे के पहले पोर से बड़ा नहीं होना चाहिए। बहुत बड़े शिवलिंग मंदिर में स्थापित किए जाते हैं।
स्फटिक शिवलिंग पर प्रतिदिन दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
अभिषेक के बाद शिवलिंग को साफ कपड़े से पोंछें और उस पर बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल और चंदन अर्पित करें।
स्फटिक शिवलिंग की पूजा घर का कोई भी सदस्य कर सकता है। यह घर के वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक होता है।
घर में एक से अधिक शिवलिंग न रखें।

इसे जरूर पढ़ें - जीवन की सभी परेशानियों का हल हैं भगवान शिव के ये मंत्र

स्फटिक शिवलिंग की पूजा करने का महत्व

IMG20220730091954-scaled

स्फटिक शिवलिंग की पूजा घर में सुख-शांति और समृद्धि लाती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है। जिन घरों में अक्सर कलह या आर्थिक परेशानियां रहती हैं, वहां स्फटिक शिवलिंग की स्थापना और पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। यह धन आगमन के नए द्वार खोलता है और कर्ज मुक्ति में भी सहायक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्फटिक शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है। यह ग्रह दोषों को शांत करने और बुरी शक्तियों से रक्षा करने में भी मदद करता है।

इसे जरूर पढ़ें - क्यों असुर करते थे सिर्फ भगवान शिव की ही पूजा? जानें क्या था कारण

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP