
यह अत्यंत शुभ और ऐतिहासिक क्षण है जब अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजारोहण हो रहा है। यह समारोह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सदियों के संघर्ष और आस्था की विजय का प्रतीक है। इस विशेष दिन को और भी खास बनाने के लिए कई दुर्लभ और शुभ ज्योतिषीय संयोग एक साथ बन रहे हैं। इन संयोगों में सबसे महत्वपूर्ण है 'अभिजीत मुहूर्त' जो किसी भी कार्य की सफलता सुनिश्चित करता है और इसी के साथ आज 'विवाह पंचमी' का पावन दिन भी है। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि आज कई दुर्लभ संयोग एक साथ बन रहे हैं जिसके कारण आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है और ऐसे में श्री राम और माता सीता की पूजा करने से उनकी असीम कृपा आज प्राप्त होगी।
राम मंदिर ध्वजारोहण के लिए अभिजीत मुहूर्त का चयन किया गया है जो हिंदू पंचांग में सबसे शुभ माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त दिन के मध्य का लगभग 48 मिनट का वह समय होता है जिसमें कोई भी शुभ कार्य करने से निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है और उस कार्य को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।

मान्यता है कि स्वयं भगवान राम का जन्म भी इसी शुभ मुहूर्त में हुआ था। राम मंदिर के भूमि पूजन और प्राण-प्रतिष्ठा जैसे सभी महत्वपूर्ण कार्य भी इसी अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किए गए थे, इसलिए ध्वजारोहण के लिए भी यही समय निर्धारित किया गया है जो मंदिर के पूर्ण वैभव और उसकी सफलता का प्रतीक है।
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इसके साथ ही, यह दिन विवाह पंचमी का भी है। यह तिथि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को पड़ती है और धार्मिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। हिंदू पंचांग में विवाह पंचमी को साल की सबसे शुभ विवाह तिथियों में गिना जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि यह राम-जानकी के दिव्य मिलन का उत्सव है। इस तरह, विवाह पंचमी का पावन संयोग राम मंदिर के इस ऐतिहासिक आयोजन को और अधिक मंगलकारी बना रहा है। यही कारण है कि आज के दिन हर ज्योतिषीय लोगों को घर में सीताराम हवन करने के लिए सलाह दे रहे हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म भी चैत्र शुक्ल नवमी को मंगलवार के दिन ही हुआ था। इसके अलावा, त्रेता युग में जब भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, तब भी विवाह पंचमी के साथ मंगलवार का ही संयोग बना था।

इस प्रकार, मंगलवार का दिन राम जन्म और राम-सीता विवाह दोनों से जुड़ा हुआ है। राम मंदिर पर ध्वजारोहण के लिए मंगलवार का दिन चुने जाने के पीछे भगवान राम और उनके भक्त हनुमान जी से जुड़ा गहरा धार्मिक महत्व भी है।
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित माना जाता है जो भगवान राम के परम भक्त हैं। हनुमान जी को शक्ति, वीरता और संकटमोचन का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी का जन्म भी मंगलवार के दिन ही हुआ था।
वनवास के दौरान श्री राम अनुमान जी से मंगलवार के दिन ही मिले थे। राम मंदिर के शिखर पर विजय ध्वज फहराने के लिए मंगलवार का दिन चुनना रामभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और ऊर्जा से भरपूर माना जा रहा है क्योंकि यह हनुमान जी की कृपा और शक्ति का प्रतीक है।
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