हिंदू धर्म में पौष पुत्रदा एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर विष्णु जी की पूजा विधि-विधान के साथ किया जाए, तो मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। अब ऐसे में अगर आप लड्डू गोपाल की पूजा एकादशी के दिन कर रहे हैं, तो उनका श्रृंगार किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी के दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार करने की विधि
पौष पुत्रदा एकादशी का दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा और श्रृंगार करने से पुत्र प्राप्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- सबसे पहले लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद लड्डू गोपाल को नए वस्त्र पहनाएं।
- चंदन का तिलक लगाएं।
- रोली और अबीर से तिलक लगाएं।
- माथे पर तिलक लगाएं।
- कानों में कुंडल पहनाएं।
- गले में माला पहनाएं।
- हाथों में चूड़ा पहनाएं।
- पैरों में पायल पहनाएं।
- लड्डू गोपाल के बालों में फूल लगाएं और उनकी प्रतिमा के चारों ओर फूल बिखेरें।
- लड्डू गोपाल को फल और मिठाई का भोग लगाएं। लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री बेहद प्रिय है। इसलिए इसका भोग जरूर लगाएं।
- लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने के बाद आरती जरूर करें।
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पौष पुत्रदा एकादशी के दिन किन मंत्रों का जाप करें ?
- पौष पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा-अर्चना करने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।
- ऊं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
- ऊं नमो भगवत वासुदेवाय:
- श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा:
- ऊं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
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पौष पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा-अर्चना करने का महत्व
यह व्रत मुख्य रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु की कृपा से निःसंतान दंपति को संतान प्राप्त होती है। इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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