
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी दंपत्ति को संतान नहीं है, तो इस दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है और जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर हो सकती है। आपको बता दें, इस साल पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी यानी कि आज मनाया जा रहा है। अब ऐसे में अगर आप इस दिन श्रीहरि की पूजा कर रहे हैं, तो व्रत कथा सुनने या पढ़ने का विशेष महत्व है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से पौष पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भद्रावती नाम की एक नगरी थी। इस नगरी पर सुकेतुमान नाम का एक राजा राज करता था। राजा सुकेतुमान के कोई पुत्र नहीं था। उनकी पत्नी का नाम शैव्या था। पुत्र न होने के कारण रानी शैव्या हमेशा चिंतित रहती थी। राजा के पिता भी इस बात को लेकर बहुत दुखी रहते थे। वे रो-रोकर अपने पिंडदान का विधि-विधान करते थे और सोचते थे कि उनके बाद कौन उनके लिए पिंडदान करेगा। राजा सुकेतुमान के पास सब कुछ था – भाई, बांधव, धन-दौलत, हाथी, घोड़े, एक विशाल राज्य और कई योग्य मंत्री। लेकिन इन सबके बावजूद भी वह संतुष्ट नहीं थे। वह हमेशा यही सोचता था कि जब वह मर जाएगा तो कौन उसके लिए पिंडदान करेगा। बिना बेटे के वह अपने पूर्वजों और देवताओं का कर्ज कैसे चुका पाएगा? जिस घर में बेटा नहीं होता, वहां हमेशा अंधेरा सा छाया रहता है। इसलिए उसे बेटा पैदा करने की बहुत इच्छा थी।
एक बार राजा ने जीवन के संघर्षों से हारकर शरीर त्याग देने का मन बना लिया। किंतु आत्महत्या को एक घोर पाप समझकर उसने इस विचार को त्याग दिया। मन में उठने वाले प्रश्नों को लेकर वह अपने घोड़े पर सवार हो अरण्य की ओर चल पड़ा। वहां उसने देखा कि पक्षी मधुर स्वर में गा रहे हैं, वृक्ष हवा के झोंके में झूम रहे हैं, मृग छलांग लगा रहे हैं, व्याघ्र दहाड़ रहे हैं, सूअर कीचड़ में लोट रहे हैं, सिंह शिकार की तलाश में विचरण कर रहे हैं, बंदर पेड़ों पर छलांगें लगा रहे हैं, सर्प घास में छिपे हुए हैं। हाथी अपने दांतों से पेड़ों को उखाड़ रहा था और अपने बच्चों के साथ खेल रहा था।
इस जंगल में इधर-उधर गीदड़ अपनी भयानक आवाज़ निकाल रहे हैं और उल्लू भी अपनी डरावनी आवाज़ें कर रहे हैं। जंगल के ऐसे दृश्यों को देखकर राजा बहुत गंभीर होकर सोचने लगे। आधा दिन बीत गया पर वे समझ नहीं पा रहे थे कि उन्होंने इतने सारे यज्ञ किए, ब्राह्मणों को अच्छा भोजन खिलाया, फिर भी उन्हें दुख क्यों मिल रहा है।
राजा प्यास से व्याकुल होकर इधर-उधर भटक रहा था। सूरज की तपिश से उसकी प्यास और भी बढ़ गई थी। थका हारा राजा जब एक सरोवर के किनारे पहुंचा तो उसकी आँखें चमक उठीं। कमलों की सुंदरता और जलपक्षियों की मधुर चहचहाहट ने उसके मन को मोह लिया। सरोवर के चारों ओर मुनियों के आश्रम थे, जहाँ से वेद मंत्रों की गूंज आ रही थी। जैसे ही राजा ने इस शांतिपूर्ण दृश्य को देखा, उसके दाहिने अंग फड़कने लगे। शुभ शकुन मानकर राजा घोड़े से उतरा और मुनियों को प्रणाम करने लगा।
राजा को देखकर मुनियों ने कहा, हे राजा! हम बहुत खुश हैं। तुम्हें क्या चाहिए, बोलो। राजा ने पूछा, आप कौन हैं और यहाँ क्यों आए हैं? मुनियों ने जवाब दिया, "आज एक खास दिन है, पुत्रदा एकादशी। हम देवता हैं और इस तालाब में स्नान करने आए हैं।
इसे जरूर पढ़ें - Pausha Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार कैसे करें?
राजा ने विनम्रतापूर्वक कहा, "महाराज, मेरा हृदय संतान के अभाव में व्याकुल है। यदि आप मुझ पर कृपा करें तो मुझे एक पुत्र की प्राप्ति का आशीर्वाद दें।" मुनि ने आशीर्वाद देते हुए कहा, "हे राजन! आज पुत्रदा एकादशी का पावन अवसर है। आप इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा से करें। भगवान निश्चित ही आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।"

मुनि की बात सुनकर राजा ने उसी दिन एकादशी का व्रत रख लिया। अगले दिन, द्वादशी को उन्होंने व्रत तोड़ा और मुनियों को प्रणाम करके महल लौट गए। कुछ समय बाद रानी गर्भवती हुईं और नौ महीने बाद उनके एक बेटा हुआ। यह राजकुमार बहुत बहादुर, प्रसिद्ध और अपने लोगों का ख्याल रखने वाला था।
इसे जरूर पढ़ें - Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन क्या करें क्या न करें?
श्री कृष्ण ने राजा से कहा, "हे महाराज! अगर आप पुत्र चाहते हैं, तो पुत्रदा एकादशी का व्रत करें। जो कोई इस व्रत की कहानी सुनता या पढ़ता है, वह स्वर्ग जाता है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।