Maha Shivratri 2025: क्या आपने भी शिव भक्ति में बनवाए हैं ॐ, डमरू या त्रिशूल जैसे चिह्न? जरूर जानें ज्योतिष से जुड़ी ये बातें

कई लोग शिव भक्ति में लीन होकर अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों में उनके प्रतीकों से जुड़े टैटू बनवाते हैं, लेकिन अगर आप ऐसे टैटू बनवाएं तो आपको कुछ नियमों का पालन करने की जरूरत है।
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महाशिवरात्रि का पर्व शिवभक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है। इस दिन लोग शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं और भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय आजमाते हैं। यही नहीं कई श्रद्धालु शिव भक्ति के प्रतीक के रूप में अपने शरीर पर ॐ, डमरू, त्रिशूल जैसे भगवान शिव से जुड़े पवित्र प्रतीक के टैटू भी अपने शरीर पर बनवाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पवित्र चिह्नों को शरीर पर अंकित कराने से पहले और बाद में कुछ विशेष ज्योतिषीय नियमों का पालन करना आवश्यक होता है? यही नहीं यदि आप भगवान शिव की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं तो आपको इन नियमों का पालन भी करना चाहिए जिससे उनकी कृपा बनी रहे।

ज्योतिष के अनुसार, शिव से जुड़े टैटू बनवाने से पहले आपका मन पवित्र और शुद्ध होना चाहिए। यदि आप ऐसे टैटू बनवाना चाहते हैं तो सबसे शुभ दिन मंगलवार, सोमवार या महाशिवरात्रि को माना जाता है। टैटू बनवाने के बाद इसकी शुद्धता बनाए रखें और अशुद्ध स्थानों पर स्पर्श न होने दें। इसके अलावा, इन प्रतीकों का सम्मान करें और नकारात्मक कर्मों से बचें, ताकि भगवान शिव की कृपा बनी रहे। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से।

पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है

tatoo rules in maha shivratri 2025

शिव के प्रतीक चिह्नों को शरीर पर अंकित कराने का अर्थ है कि आपने स्वयं को शिवमय बना लिया है। ऐसे में यह आवश्यक है कि आप अपने शरीर और मन की पवित्रता हमेशा बनाए रखें। गलत संगति, नकारात्मक विचार और अपवित्र कर्मों से बचना चाहिए। यदि आपके शरीर में ऐसे कोई भी पवित्र चिह्न अंकित हैं तो आपको हमेशा पवित्रता बनाए रखने की जरूरत है और आपको इन प्रतीकों का भी सम्मान करना चाहिए। यदि आपके शरीर में कोई भी प्रतीक अंकित हैं तो मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए और किसी भी निरीह प्राणी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

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टैटू के स्थान और दिशा का रखें ध्यान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शरीर के कुछ स्थानों पर पवित्र चिह्नों का अंकन शुभ माना जाता है, जबकि कुछ स्थानों पर यह वर्जित है। ॐ, डमरू या त्रिशूल टैटू माथे, सीने या कंधे पर बनवाना शुभ माना गया है, लेकिन पैर या पीठ पर इन्हें बनवाना शुभ नहीं माना जाता है। यदि आप नए टैटू बनवाने जा रहे हैं तो आपको शरीर के विशेष हिस्सों पर ही इसे बनवाने की सलाह दी जाती है।

पवित्र टैटू के साथ उचित व्यवहार करें

tatoo design for mahashivratri

यदि आपने अपने शरीर पर ॐ, डमरू या त्रिशूल जैसे पवित्र प्रतीकों का टैटू बनवाया है, तो उसका उचित सम्मान करना आवश्यक है। ये प्रतीक केवल एक सजावटी डिजाइन नहीं हैं, बल्कि आपकी आस्था और भक्ति के प्रतीक हैं, जो ईश्वरीय ऊर्जा से जुड़े होते हैं। इसलिए, इनके प्रति आदरभाव रखें और इनकी शुद्धता बनाए रखें।

टैटू बनवाने के बाद उसे स्वच्छ और सुरक्षित रखना जरूरी है। इसे अपवित्र स्थानों, गंदगी या नकारात्मक ऊर्जा वाले माहौल से दूर रखें, ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे। धार्मिक दृष्टि से इन प्रतीकों का सम्मान न केवल आपकी भक्ति को प्रबल करता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करता है। स्नान या पूजा से पहले टैटू की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि यह साफ और अशुद्धता से मुक्त हो।

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स्नान और पूजा से पहले करें शुद्धि

यदि आपके शरीर पर कोई धार्मिक टैटू जैसे ॐ, त्रिशूल या डमरू अंकित है, तो उसकी शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है। स्नान से पहले इसे साफ करने का विशेष ध्यान रखें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और पवित्रता बनी रहे। पूजा या किसी धार्मिक कार्य में शामिल होने से पहले सुनिश्चित करें कि टैटू स्वच्छ हो और उस पर कोई गंदगी न लगी हो। धार्मिक प्रतीकों का सम्मान बनाए रखने से आध्यात्मिक ऊर्जा सक्रिय रहती है और ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है। शुद्धता और श्रद्धा के साथ इन नियमों का पालन करने से आपकी भक्ति और अधिक प्रभावी होगी।

शरीर पर टैटू बनवाने से पहले ध्यान रखें ये बातें

maha shivratri tatoo design

कई लोग भक्ति भावना से प्रेरित होकर टैटू बनवा लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें इसके नियमों का पालन करने में कठिनाई होती है। यदि आप टैटू बनवाने का विचार कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप इसके साथ आने वाली जिम्मेदारियों को निभा सकते हैं। इसके लिए आपको इन बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है।

  • पवित्र प्रतीकों का टैटू केवल एक डिजाइन नहीं, बल्कि आपकी भक्ति का प्रतीक होता है, इसलिए इसका आदर करें।
  • धार्मिक टैटू बनवाने के बाद उसकी स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखना जरूरी होता है।
  • शरीर के ऐसे हिस्से पर टैटू बनवाएं, जहां इसे अपवित्र होने या गंदगी के संपर्क में आने का भय न हो।
  • डमरू, ॐ और त्रिशूल जैसे धार्मिक प्रतीकों के टैटू के साथ अशुद्ध स्थानों या अनुचित गतिविधियों में शामिल होने से बचें।
  • शिव, ॐ या त्रिशूल जैसे पवित्र टैटू बनवाने के बाद नियमित रूप से भगवान की पूजा करें और उनकी कृपा बनाए रखें।
  • टैटू स्थायी होता है, इसलिए इसे बनवाने से पहले इसकी धार्मिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारियों को समझें।

यदि आपके शरीर के किसी भी हिस्से में भगवान शिव के किसी भी प्रतीक का टैटू बना है तो आपको यहां बताई बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Images: freepik.com

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