Kharmas Kab Hai 2025: कब से शुरू हो रहा है खरमास, इस दौरान कौन से काम वर्जित हैं और किन उपायों से मिल सकता है धन-लाभ

खरमास वह समय होता है जब आपको किसी भी शुभ काम को करने से मना किया जाता है। आइए आपको बताते हैं कि यह अवधि इस साल कब से शुरू हो रही है और इस दौरान आपको क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
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हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास 2025 वह अवधि होती है, जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। यह समय तब आता है जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में गोचर यानी प्रवेश करते हैं। आमतौर पर खरमास साल में दो बार आता है। एक बार यह समय दिसंबर-जनवरी महीने में और दूसरी बार मार्च-अप्रैल में आता है। इस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यों को करना वर्जित माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि यदि इस दौरान कोई भी शुभ काम किया जाता है तो उसके सफल होने में बहुत समस्याएं आती हैं। क्योंकि इस समय सूर्य और देवगुरु बृहस्पति की ऊर्जा कमजोर मानी जाती है, जिससे शुभ कार्यों में बाधा आ सकती है।

वहीं, खरमास को धार्मिक दृष्टि से बहुत फलदायी माना गया है। इस दौरान पूजा-पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ, गंगा स्नान, दान-पुण्य और मंत्र जप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मुख्य रूप से आपको इस समय हवन आदि का आयोजन भी करना चाहिए और पूजा-पाठ करना चाहिए। इस समय यदि आप जरूरतमंदों को अन्नदान करते हैं तो इससे जीवन में समृद्धि बनी रहती है। इस साल खरमास का आरंभ मार्च महीने में होगा और इसका समापन अप्रैल में होगा। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें खरमास के आरंभ और समापन की तिथि और इस दौरान आपको क्या करना चाहिए तथा किन चीजों से बचना चाहिए।

क्या होता है खरमास?

what is khar mass as per astrolgy

हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस अवधि को खरमास कहा जाता है। इस दौरान किसी भी शुभ काम की मनाही होती है। खरमास का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य धनु या मीन राशि में होता है, तो यह देवगुरु बृहस्पति के प्रभाव में आता है। इस समय सूर्य की ऊर्जा अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती है, जिससे शुभ कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, यह समय धार्मिक कार्यों, साधना और दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

खरमास 2025 कब से शुरू हो रहा है?

खरमास 2025 की शुरुआत 14 मार्च को शाम 6:59 बजे होगी, जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। यह अवधि धार्मिक दृष्टि से विशेष मानी जाती है, क्योंकि इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। 18 मार्च को सूर्य उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जिससे इस अवधि का प्रभाव और गहरा होगा। खरमास लगभग एक महीने तक चलता है और इसका समापन 13 अप्रैल 2025 को होगा, जब सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान, जप-तप और दान-पुण्य को विशेष फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में भगवान विष्णु की पूजा और गंगा स्नान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

घर की समृद्धि के लिए खरमास में क्या करना चाहिए

खरमास के दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन इस समय किए गए धार्मिक उपाय अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से-

खरमास के दौरान पूजा-पाठ करें

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आपको खरमास की अवधि के दौरान किसी भी शुभ काम को न करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको मंत्र जाप और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। यही नहीं यदि आप इस दौरान श्री राम कथा, भागवत कथा और शिव पुराण का पाठ करें, तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी और आर्थिक रूप से भी लाभ हो सकता हो। इस दौरान तीर्थ यात्रा करने और नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है। जो लोग तीर्थ यात्रा नहीं कर सकते, वे घर पर ही गंगाजल से स्नान भी कर सकते हैं।

खरमास के दौरान जरूरतमंदों को दान करें

यदि आप खरमास के दौरान दान-पुण्य करते हैं तो आपके जीवन में सदैव कुशलता बनी रहती है। इस दौरान आप जरूरतमंदों को, वस्त्र, जूते-चप्पल,अनाज आदि का दान करें और गायों के लिए चारा आदि खिलाएं। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है और इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।

खरमास के दौरान प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें और 'ऊँ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। इस दौरान यदि आप नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करें तो आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसके साथ ही आपके लिए आदित्य ह्रदय स्रोत का जाप करना भी फलदायी माना जाता है।

खरमास के दौरान भूलकर भी न करें ये काम

खरमास को हिंदू धर्म में एक विशेष अवधि माना जाता है, जब शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। खरमास में कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं, क्योंकि इस दौरान ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती और इन कार्यों को करने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि खरमास के दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए।

खरमास के दौरान शादी- विवाह से बचें

what not to do on kharmas

खरमास में विवाह, सगाई या शादी से जुड़े किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इस दौरान किए गए विवाह जीवन में समस्याएं ला सकते हैं और वैवाहिक जीवन में अस्थिरता बनी रह सकती है। यदि आप इस दौरान शादी से जुड़ी कोई भी रस्म करते हैं तो आपको इसके अच्छे फल नहीं मिलते हैं।

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खरमास के दौरान नया व्यवसाय शुरू न करें

खरमास में नया व्यवसाय शुरू करना अशुभ माना जाता है। इस समय की गई नई शुरुआत आपकी सफलता में बाधा डाल सकती है और इससे आपके जीवन में आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। यदि संभव हो तो व्यापार से जुड़े बड़े फैसले भी आपको इस दौरान टालने चाहिए। यही नहीं आपको एक महीने की इस अवधि में नया वाहन खरीदने से भी बचना चाहिए, यदि आप इस दौरान नया वहां खरीदते हैं तो इससे आपके जीवन में दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है। कोई भी वाहन आदि खरीदने का शुभ समय खरमास समाप्त होने के बाद का ही माना जाता है।

गृह प्रवेश और नए मकान की खरीदारी न करें

new home should not be purchase

यदि आप नया घर खरीदने या गृह प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे खरमास के बाद करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस अवधि में ग्रहों की स्थिति शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं होती, जिससे आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक कलह उत्पन्न हो सकती है। नया घर खरीदना या उसमें प्रवेश करना स्थायी सुख-समृद्धि में बाधा डाल सकता है।

खरमास को शुभ कार्यों के लिए निषिद्ध माना गया है, क्योंकि इस दौरान बृहस्पति और सूर्य की ऊर्जा कमजोर मानी जाती है, जिससे सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए, यदि आप संपत्ति निवेश करना चाहते हैं या नए घर में शिफ्ट होने की सोच रहे हैं, तो इसे खरमास समाप्त होने के बाद ही करें। इससे घर में खुशहाली और आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी।

खरमास के दौरान न कराएं बच्चे का मुंडन

ज्योतिष के अनुसार, खरमास के दौरान बच्चे का मुंडन संस्कार कराना अशुभ माना जाता है। इस समय बाल कटवाना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है, जिससे भविष्य में बाधाओं और कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। मान्यता है कि इस अवधि में किए गए मुंडन से बच्चे के स्वास्थ्य और समृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

यदि परिवार में मुंडन संस्कार की योजना बनाई गई है, तो इसे खरमास समाप्त होने के बाद करना शुभ रहेगा। इस तरह, शुभ समय में किए गए संस्कार से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य बना रहेगा।

यदि आप खरमास के दौरान इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए काम करेंगे तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Images: freepik.com

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