कांवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाने वाली एक पवित्र तीर्थयात्रा है। इसमें भक्त जिन्हें कांवड़िया कहा जाता है, गंगा नदी के पवित्र जल को भरकर अपनी-अपनी जगहों पर वापस आते हैं। इस जल से वे अपने स्थानीय शिव मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इस यात्रा का मुख्य महत्व भगवान शिव के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करना है।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह यात्रा शारीरिक तपस्या और मानसिक शुद्धि का प्रतीक है जहां भक्त कठिनाइयों को सहते हुए भगवान के प्रति अपनी अटूट आस्था का प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कब से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा।
कांवड़ यात्रा 2025 कब से शुरू?
कांवड़ यात्रा 2025 की शुरुआत 11 जुलाई, शुक्रवार के दिन से हो रही है क्योंकि इसी दिन से सावन का पवित्र महीना भी शुरू हो रहा है। यह यात्रा सावन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है और इस दिन से ही शिवभक्त 'हर हर महादेव' एवं 'बम बोले' के जयकारों के साथ गंगाजल लाने के लिए निकल पड़ते हैं।
यह पवित्र यात्रा मुख्य रूप से सावन शिवरात्रि तक चलती है। ऐसे में कांवड़ यात्रा का समापन सावन शिवरात्रि यानी कि 23 जुलाई, बुधवार को होगा। कुल 13 दिनों तक इस साल कांवड़ यात्रा चलेगी। कुछ स्थानों पर कांवड़ यात्रा पूरे सावन माह भी जारी रहती है। ऐसे में उन स्थानों पर यह यात्रा 9 अगस्त तक चल सकती है।
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कांवड़ यात्रा 2025 जलाभिषेक की तिथियां
कांवड़ यात्रा 2025 शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र यात्रा है। इसमें भक्त विभिन्न पवित्र स्थानों जैसे हरिद्वार, गंगोत्री, गोमुख और सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। ऐसे में भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए कुछ विशेष तिथियां हैं सावन में जो बहुत शुभ मानी जाती हैं।
तिथि (अंग्रेजी) | तिथि (हिंदी) | दिन | महत्व |
11 जुलाई 2025 | श्रावण कृष्ण प्रतिपदा | शुक्रवार | इस दिन सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है |
22 जुलाई 2025 | श्रावण कृष्ण त्रयोदशी | मंगलवार | इस दिन श्रावण माह का पहला प्रदोष व्रत है |
23 जुलाई 2025 | श्रावण कृष्ण चतुर्दशी | बुधवार | इस दिन सावन की पावन मासिक शिवरात्रि है |
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कांवड़ यात्रा 2025 जलाभिषेक के शुभ मुहूर्त
कावड़ यात्रा के दौरान शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए गंगाजल लाना हेतु जहां एक ओर शुभ तिथियां बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है तो वहीं, दूसरी ओर कांवड़ यात्रा के दौरान जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त भी जानना जरूरी है ताकि जलाभिषेक का पूर्ण फल प्राप्त हो सके और कांवड़ यात्रा का पुण्य भी दोगुना मिल पाए।
तिथि (अंग्रेजी) | पर्व | मुहूर्त |
11 जुलाई 2025 | सावन आरंभ | सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक |
22 जुलाई 2025 | सावन प्रदोष व्रत | दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक |
23 जुलाई 2025 | सावन शिवरात्रि | सुबह 11:39 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक |
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