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Jyeshtha Amavasya 2024 Shani Puja: ज्येष्ठ अमावस्या पर बन रहा शनि जयंती का योग, ऐसे करें कर्मफलदाता की पूजा

ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन शनिदेव की पूजा करने का विशेष विधान है। हालांकि शनिदेव की पूजा अन्य देवी या देवताओं के समान नहीं होती है क्योंकि उनकी प्रतिमा को घर में रखना वर्जित माना गया है।   
Editorial
Updated:- 2024-06-03, 10:55 IST

Jyeshtha Amavasya 2024 Shanidev Puja: पंचाग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून, दिन गुरुवार को पड़ रही है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही शनि जयंती मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन शनिदेव की पूजा करने का विशेष विधान है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि शनिदेव की पूजा अन्य देवी या देवताओं के समान नहीं होती है क्योंकि उनकी प्रतिमा को घर में रखना वर्जित माना गया है, लेकिन शनि मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि किस विधि से करें शनिदेव की पूजा। 

ज्येष्ठ अमावस्या पर शनिदेव की पूजा विधि

jyeshtha amavasya  shanidev puja vidhi

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर उसके बाद स्वच्छ और शुद्ध वस्त्र धारण करके शनि देव के मंदिर जाएं। धयान रखें कि शनिदेव के समक्ष काले या नीले वस्त्र पहन कर न जाए। अन्य किसी भी रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। इसके बाद शनिदेव को श्याम चंदन यानी कि काला चंदन लगाएं। 

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शनिदेव श्री कृष्ण के परम भक्त माने जाते हैं। ऐसे में श्याम तिलक लगाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके बाद शनिदेव को गेंदे के फूल अर्पित करें। काले रंग के वस्त्र उन्हें चढ़ाएं और फिर शनिदेव के समक्ष धूप या लोबान जलाएं और शनिदेव का ध्यान करें। शनिदेव के बीज मंत्र का जाप करें। 

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शनिदेव का बीज मंत्र है: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। इस मंत्र के जाप से साढ़े साती और ढैय्या में राहत मिलती है। इसके अलावा, इस मंत्र के 108 बार जाप से शनि दोष भी कुंडली से दूर हो जाता है। शनि देव की कृपा से जीवन की परेशानियां धीरे-धीरे सुलझने लग जाती हैं। 

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इस मंत्र के जाप के बाद शनि चालीसा का पाठ भी करें और शनिदेव को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं। इसके बाद शनिदेव की आरती गाएं और भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा कैसे करनी चाहिए और उनकी कृपा  कैसे पाई जा सकती है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

Image credit: herzindagi 

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