difference between shani vakri and margi

Shani Ki Chaal: शनि के वक्री और मार्गी होने में क्या अंतर है?

शनि की चाल में आने वाला बदलाव हमारे जीवन के कर्मों, संघर्षों और उनके मिलने वाले फलों की दिशा तय करता है, इसलिए इनकी चाल में बदलाव का प्रभाव बहुत गहरा और लंबे समय तक रहने वाला होता है। 
Editorial
Updated:- 2025-12-26, 14:28 IST

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। जब हम सौरमंडल के ग्रहों की चाल का अध्ययन करते हैं तो 'वक्री' और 'मार्गी' शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं विशेष रूप से शनि की चाल के समय। सरल शब्दों में कहें तो शनि की चाल में आने वाला यह बदलाव हमारे जीवन के कर्मों, संघर्षों और उनके मिलने वाले फलों की दिशा तय करता है। शनि एक मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं जो एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं, इसलिए इनकी चाल में बदलाव का प्रभाव बहुत गहरा और लंबे समय तक रहने वाला होता है। ऐसे में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि शनि के मार्गी और वक्री होने में क्या अंतर है? 

शनि के वक्री होने का मतलब 

जब शनि ग्रह वक्री होते हैं तो पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि शनि पीछे की ओर चल रहे हैं। वास्तव में शनि ग्रह पीछे नहीं जाते बल्कि पृथ्वी और उस ग्रह की गति के अंतर के कारण यह एक भ्रम पैदा होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, वक्री शनि को बहुत शक्तिशाली माना जाता है।

what happens when shani is vakri

जब शनि वक्री होते हैं तो यह हमें रुकने और सोचने पर मजबूर करते हैं। यह वह समय होता है जब हमें अपने पुराने कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए। अगर आपने अतीत में कोई गलतियां की हैं या कोई काम अधूरा छोड़ दिया है तो वक्री शनि उन मुद्दों को फिर से आपके सामने ला खड़ा करते हैं।

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इस दौरान कार्यों में देरी हो सकती है और जिम्मेदारी का बोझ बढ़ा हुआ महसूस हो सकता है। यह बाहरी प्रगति के बजाय आंतरिक सुधार का समय है। चूंकि वक्री शनि पुराने कर्मों और गलतियों को सुधारने का संकेत देते हैं, इसलिए इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ और छाया दान करना सबसे उत्तम होता है।

शनि के मार्गी होने का मतलब 

'मार्गी' होने का अर्थ है कि ग्रह अपनी सामान्य दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब शनि वक्री से मार्गी होते हैं तो जीवन में रुकी हुई चीजें फिर से गति पकड़ने लगती हैं। इसे 'सीधी चाल' भी कहा जाता है। मार्गी शनि के दौरान व्यक्ति को अपनी मेहनत का फल मिलना शुरू होता है।

what happens when shani is margi

पिछले कुछ समय से जो मानसिक तनाव या काम में रुकावटें आ रही थीं वे धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। यह समय नई योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने के लिए बहुत अच्छा होता है। मार्गी शनि अनुशासन और स्पष्टता लाते हैं जिससे आप अपने लक्ष्यों की ओर मजबूती से कदम बढ़ा पाते हैं।

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इसे कर्मों के पुरस्कार का समय माना जाता है। इस दौरान शनि देव की कृपा पाने के लिए गरीबों और सफाई कर्मचारियों की मदद करें। शनिवार के दिन उन्हें काला कंबल, काले तिल या भोजन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे शनि देव की कृपा से तरक्की के मार्ग खुल जाते हैं।

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