हनुमान जी का पूजन भक्त जन पूरे श्रद्धा भाव से करते हैं। सभी बाधाओं से मुक्त होने, किसी भी कष्ट के निवारण और कई समस्याओं से बचने के लिए हनुमान जी का ध्यान करना शुभ माना जाता। हनुमान जी को प्रभु श्री राम का परम भक्त तो माना ही जाता है और वो भक्तों की सभी मनोकामनाओं को भी पूर्ण करते हैं। चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी ने जन्म लिया था। इस साल चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जी का पूजन करना और उनके मंत्रों का जाप करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
यदि कोई भक्त इस दिन सच्चे ह्रदय से हनुमान जी की प्रार्थना करता है, तो उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। यही नहीं ऐसी मान्यता भी है कि हनुमान जी के नौ स्वरुप हैं जिनकी पूजा का आपके जीवन में अलग फल हो सकता है। कुछ विशेष दिनों में हनुमान जी के इन स्वरूपों की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है और इसके पूर्ण फल मिल सकते हैं। आइए हनुमान जी के जन्मोत्सव के दिन ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों के महत्व के बारे में विस्तार से।
बाल हनुमान जी की पूजा
बाल हनुमान को उनके बचपन का स्वरूप माना जाता है जो विभिन्न लीलाओं से युक्त है। यदि आप घर की सुख-समृद्धि के लिए बाल हनुमान की पूजा करते हैं और उनकी पसंद का भोग अर्पित करते हैं तो अत्यंत लाभकारी हो सकता है। बाल हनुमान की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन मंगलवार को माना जाता है, मान्यता है कि इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। उनकी पूजा यदि आप हनुमान जयंती के दिन करें तो और ज्यादा शुभ माना जाता है। बाल हनुमान को विभिन्न अलौकिक शक्तियों से युक्त माना जाता है।
दक्षिण मुखी हनुमान जी की पूजा
यह हनुमान जी का वह स्वरूप माना जाता है जिसमें भगवान हनुमान जी का मुंह दक्षिण दिशा की तरफ होता है। इस दिशा की तरफ मुंह होने की वजह से ही उन्हें दक्षिण मुखी हनुमान जी कहा जाता है। दक्षिण मुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के भय, संकट और चिंता दूर हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा मुख्य रूप से मंगलवार और हनुमान जयंती के दिन करना शुभ होता है। यदि आप इनकी पूजा ब्रह्म मुहूर्त में करें तो ज्यादा अच्छे फल मिल सकते हैं।
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सूर्यमुखी हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी के इस स्वरूप को सूर्य देव को समर्पित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी सूर्य देव के शिष्य हैं। यदि आप सूर्यमुखी हनुमान जी की पूजा हनुमान जयंती के दिन करते हैं तो आपको बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है। सूर्यमुखी हनुमान जी की पूजा शनिवार के दिन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे आपको प्रसिद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
संकट मोचन हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी का यह रूप भक्तों के सभी संकटों को दूर करता है।जोभक्त इस स्वरूप की पूजा श्रद्धा भाव से करता है, उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। उन्हें संकटमोचन इसी वजह से कहा जाता है क्योंकि वो भक्तों के संकटों को दूर करते हैं। यदि हनुमान जयंती के दिन आप प्रातः सूर्योदय के बाद हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करते हैं तो आपको भय से मुक्ति मिल सकती है और जीवन की बाधाएं दूर हो सकती हैं।
वीर हनुमान जी की पूजा
वीर हनुमान जी उनका वह स्वरूप माना जाता है जिसमें वो संजीवनी का पर्वत उठाए हुए नजर आते हैं। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा भक्त बल और शक्ति का आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं। मान्यता है कि जैसे हनुमान जी ने अपने बल से पूरा पर्वत उठा लिया था, उसी तरह भक्तों को भी बल का आशीर्वाद मिलता है। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से किसी भी तरह के भय से मुक्ति मिल सकती है और कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने का मौका मिलता है। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा मंगलवार और शनिवार दोनों ही दिन करना बहुत शुभ माना जाता है। यदि आप नियमित इनकी पूजा करें तो ये भी बहुत लाभकारी हो सकता है।
राम भक्त हनुमान जी की पूजा
यह हनुमान जी का सबसे ज्यादा पूजनीय स्वरूप माना जाता है। इसमें हनुमान जी प्रभु श्रीराम और माता सीता की भक्ति में लीन दिखाई देते हैं। इस स्वरूप में हनुमान जी अपना सीना चीरकर राम और सीता जी के दर्शन कराते नजर आते हैं। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से हनुमान जी के साथ प्रभु श्री राम का आशीर्वाद भी मिल सकता है। यही नहीं इनकी पूजा से भक्तों के ह्रदय में भी प्रभु श्री राम का वास हो जाता है। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा आप सप्ताह के सातों दिन और बारह महीनों में कभी भी कर सकते हैं। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा हनुमान जन्मोत्सव के दिन करना बहुत शुभ हो सकता है।
रुद्र हनुमान जी की पूजा
रूद्र हनुमान जी को ऐसे स्वरूप के रूप में देखा जाता है जो क्रोध से भरपूर होता है। इस रूप में हनुमान जी क्रोधित अवस्था में नजर आते हैं और इसी वजह से हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से मन किया जाता है। मान्यता है कि आपको हनुमान जी के इस रूप की मूर्ति या तस्वीर भी अपने घर पर नहीं लगानी चाहिए, अन्यथा इसके जीवन में नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
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योग हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी के इस स्वरूप में हनुमान जी योग मुद्रा में दिखाई देते हैं। इस स्वरूप में हनुमान जी ध्यानमग्न दिखाई देते हैं और भक्तों को भी योग साधना की प्रेरणा देते हैं। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा आप नियमित रूप से करें तो आपको योग शांति का आशीर्वाद मिल सकती है। मुख्य रूप से हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा जरूर करें।
पंचमुखी हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप में उनके पांच मुख नजर आते हैं। इसमें से पांच मुख- हनुमान, नरसिंह, गरुड़, वराह और हयग्रीव के होते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी ने अपने इसी स्वरूप में अहिरावण का वध किया था। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप इस स्वरूप की पूजा के बहुत से नियम हैं और यदि आप घर पर उनकी पूजा नियम से नहीं कर पाते हैं तो उसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, इसी वजह से हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा मंदिर में करने की सलाह दी जाती है।
यदि आप हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने के साथ उनका ध्यान करेंगे, तो आपको इसके बहुत शुभ फल मिल सकते हैं।आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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