ganesh Utsav shlok mantra

Ganpati Utsav Shlok: गणपति महोत्सव में करें इन शक्तिशाली श्लोकों का उच्चारण, बप्पा की बनी रहेगी कृपा

Ganesh Chaturthi Sanskrit Shlok: गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाला उत्सव दस दिनों तक चलता है। इस दौरान गणेश जी के कुछ श्लोकों का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है और इससे बप्पा प्रसन्न भी होते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-08-28, 12:18 IST

Ganesh Shlok Benefits: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनके आशीर्वाद के बिना अधूरी मानी जाती है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता, ज्ञान और बुद्धि के देवता तथा समृद्धि और सफलता का स्वामी माना जाता है। यही कारण है कि गणेशोत्सव के पावन दिनों में उनकी विशेष पूजा-अर्चना का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि आप सच्चे मन से भगवान गणेश की उपासना करती हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यही नहीं यदि आप इस दिनों में गणेश जी से जुड़े संस्कृत के श्लोक पढ़ती हैं तो ये केवल आध्यात्मिक शक्ति ही नहीं देते, बल्कि हमें जीवन में नैतिकता, धैर्य और आदर्शों का पालन करना भी सिखाते हैं। आइए यहां जानें उन श्लोकों के बारे में विस्तार से।

गणेश जी के संस्कृत श्लोक (Ganesh Ji Sanskrit Shlok)

1. वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा।।

2. मायातीताय भक्तानां कामपूराय ते नमः।
सोमसूर्याग्निनेत्राय नमो विश्वम्भराय ते॥

3. एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्।

4. लम्बोदराय वै तुभ्यं सर्वोदरगताय च।
अमायिने च मायाया आधाराय नमो नमः॥

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5. अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते ।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः।।

6. पुराणपुरुषं देवं नानाक्रीडाकरं मुद्रा।
मायाविनां दुर्विभावयं मयूरेशं नमाम्यहम्॥

7. एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्।।

8. केयूरिणं हारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानिं।
सृणिं वहन्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्।।

9. गजाननाय महसे प्रत्यूहतिमिरच्छिदे।
अपारकरुणापूरतरङ्गितदृशे नमः।।

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10. रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्।।

11. पार्वतीनन्दनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम्।
भक्तानन्दकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम्॥

12. सृजन्तं पालयन्तं च संहरन्तं निजेच्छया।
सर्वविध्नहरं देवं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥

13. अनामयाय सर्वाय सर्वपूज्याय ते नमः।
सगुणाय नमस्तुभ्यं ब्रह्मणे निर्गुणाय च॥

14. त्रिलोकेश गुणातीत गुणक्षोम नमो नमः।
त्रैलोक्यपालन विभो विश्वव्यापिन् नमो नमः॥

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गणेश श्लोक का उच्चारण करने से क्या फायदे होते हैं?

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गणेश जी का श्लोक के जरिए आप बप्पा के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि श्लोक गाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं। यह भी कहा जाता है कि गणेश जी का श्लोकों का उच्चारण करने से जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। गणेश जी के श्लोक पढ़न मात्र से बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है। हिंदू धर्म में गणेश जी को सफलता के देव माने जाते हैं, इसलिए उनके श्लोकों का उच्चारण करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है। यही नहीं, गणेश जी का श्लोक पढ़ने से मन शांत तनावमुक्त होता है।

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