Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के दिन करें नव ग्रहों के इस स्तोत्र का पाठ, नहीं लगेगा दोष

पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी जो इस बार 17 जुलाई, दिन बुधवार को पड़ रही है।   

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हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि या बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी जो इस बार 17 जुलाई, दिन बुधवार को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही नव ग्रहों के स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

देवशयनी एकादशी 2024 नव ग्रह स्तोत्र का पाठ

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सूर्य के लिए: जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्। तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोSस्मि दिवाकरम्।। 1।।

चंद्रमा के लिए: दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम्। नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्।। 2।।

मंगल के लिए: धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्।। 3।।

बुध के लिए: प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्। सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।। 4।।

बृहस्पति के लिए: देवानां च ऋषीणां च गुरूं कांचनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ।। 5।।

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शुक्र के लिए: हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम्। सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।। 6।।

शनि के लिए: नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। 7।।

राहु के लिए: अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्। सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।। 8।।

केतु के लिए: पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।। 9।।

इति व्यासमुखोद्गीतं यः पठेत् सुसमाहितः। दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्नशान्तिर्भविष्यति ।। 10।।

देवशयनी एकादशी 2024 नव ग्रह स्तोत्र पाठ के लाभ

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देवशयनी एकादशी के बाद से चातुर्मास शुरू हो जाता है और देव सो जाते हैं जिसके कारण शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।

ऐसा माना जाता है कि देवशयनी एकादशी के बाद से ग्रहों की चाल में बहुत गहरा परिवर्तन आता है जो शुभ-अशुभ दोनों हो सकता है।

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ऐसे में देवशयनी एकादशी के दिन नव ग्रह स्तोत्र का पाठ करने से ग्रहों की अशुभता दूर होती है। कुंडली में ग्रह मजबूत होते हैं।

देवशयनी एकादशी के दिन नव ग्रह स्तोत्र का पाठ करने से ग्रह दोष नहीं लगता है। ग्रहों के प्रभाव से अच्छे परिणाम नजर आते हैं।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर देवशयनी एकादशी के दिन नव ग्रह स्तोत्र का पाठ क्यों करना चाहिए और क्या हैं इसके लाभ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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