
Basant Panchami Puja Vidhi 2024: मान्यता है कि जो भी व्यक्ति बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना करता है उसे जीवन में सफलता मिलती है और परम ज्ञान और एवं तीव्र बुद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि, सामग्री और मंत्र के बारे में।

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए लौंग, सुपारी, तुलसी दल, हल्दी, एक लोटा जल, रोली, सिंदूर, आम के पत्ते, घी का दीपक, अगरबत्ती, मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर, चौकी और पीला वस्त्र, पीले रंग के फूल और माला, भोग के लिए मीठे पीले चावल, मालपुआ, बूंदी के लड्डू, केसर का हलवा आदि चीजें घर ले आएं।
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बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान-ध्यान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त हो जाएं। नए वस्त्र धारण करें। अमन सरस्वती की प्रतिमा पर जल छिड़कें। मां सरस्वती को स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
मां सरस्वती का श्रृंगार करें। उन्हें पीले फूल अर्पित करें। सफेद कमल की माला पहनाएं। मां का ध्यान करें। मां सरस्वती को धुप, दीप, नैवेद्य, सुप्रि, पान आदि सामग्री अर्पित करें। इसके आबाद मां सरस्वती को भोग लगाएं। फिर अमन सरस्वती क्ले मंत्रों का जाप करें। मां सरस्वती की आरती गाएं और अंत में भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।। या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्। कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।। वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।। सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:। वन्दे भक्तया वन्दिता च।।
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ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी। सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॐ जय सरस्वती माता।।।
बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला। शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ ॐ जय सरस्वती माता।।।
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो। मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो। ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें। हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता । सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
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