आषाढ़ अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे पितरों की शांति और तर्पण के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन पूर्वजों को याद किया जाता है और उनके लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं क्योंकि यह मानसून की शुरुआत और खेती के कार्यों से जुड़ी है।
इस दिन किसान अच्छी फसल की कामना के लिए अपने कृषि उपकरणों और बैलों की पूजा करते हैं। पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का भी इस दिन विशेष महत्व है, जिससे पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि इस साल कब पड़ रही है आषाढ़ अमावस्या, क्या है इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और कौन से उपाय इस दिन करें।
आषाढ़ अमावस्या 2025 कब है?
आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 24 जून 2025, मंगलवार के दिन शाम 06 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 25 जून 2025, बुधवार के दिन शाम 04 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी।
चूंकि उदया तिथि का महत्व होता है यानी सूर्योदय के समय जो तिथि होती है उसी दिन व्रत और स्नान-दान के कार्य किए जाते हैं इसलिए आषाढ़ अमावस्या 25 जून को ही मान्य होगी।
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आषाढ़ अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त
अमावस्या पर स्नान और दान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त और सर्वार्थ सिद्धि योग में माना जाता है। ऐसे में 25 जून को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 05 मिनट से सुबह 04 बजकर 45 मिनट तक रहेगा जिसमें आप आषाढ़ अमावस्या का दान कर सकते हैं। वहीं, स्नान के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
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आषाढ़ अमावस्या 2025 उपाय
आषाढ़ अमावस्या के दिन धन लाभ के लिए एक सरल उपाय किया जा सकता है। इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं। यह दीपक सरसों के तेल का हो सकता है। दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय अपने मन में धन लाभ और आर्थिक समृद्धि की कामना करें। किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार कुछ धन या अन्न का दान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
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