सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को सुख-शांति, धन और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। इस प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना विधिवत रूप से करने विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आपको आर्थिक परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है और स्वास्थ्य में भी किसी तरह की कोई समस्या आ रही है तो प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के कुछ ऐसे मंत्र हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है और जातक का भाग्योदय हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
अप्रैल प्रदोष व्रत के दिन करें महामृत्यंजय मंत्र का जाप
अप्रैल माह के प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप विधिवत रूप से करें। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु, भय के साथ-साथ रोगदोष से छुटकारा मिल सकता है और व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है और व्यक्ति को मानसिक शांति भी मिलती है। इसके अलावा अगर आपकी कोई मनोकामना है, जिसे आप सिद्ध करना चाहते हैं तो इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।
- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
- उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
अप्रैल प्रदोष व्रत के दिन करें पंचाक्षरी मंत्र का जाप
अप्रैल माह के प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। इससे व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पंचाक्षरी मंत्र का जाप भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही जाप करें। इससे व्यक्ति को कभी भी अकारण समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
- ऊं नमः शिवाय
इसे जरूर पढ़ें - April Pradosh Vrat 2025: अप्रैल माह के दूसरे प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को जरूर चढ़ाएं ये तीन पत्ते, धन-धान्य के साथ सुख-सौभाग्य में होगी वृद्धि
अप्रैल प्रदोष व्रत के दिन करें शिव गायत्री मंत्र का जाप
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है। शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से आरोग्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह जीवन में सुख और ऐश्वर्य लाता है।
- ऊं तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात् |
इसे जरूर पढ़ें- April Pradosh Vrat 2025: अप्रैल माह के दूसरे प्रदोष व्रत के दिन मनोवांछित फलों की प्राप्ति के लिए क्या करें और क्या न करें?
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों