हिंदू पंचांग के अनुसार आज ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि है। आज हस्त नक्षत्र के साथ इस दिन का आरंभ हो रहा है। वहीं सिद्धि योग भी है। ज्योतिष गणना के हिसाब से चंद्रमा कन्या राशि में मौजूद हैं। गुरुवार का दिन है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन ऐसी मान्यता है कि श्रीहरि की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की कुंडली में स्थित गुरु की स्थिति मजबूत हो सकती है। साथ ही जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो सकती है। साथ ही मनचाहे जीवनसाथी प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
अब ऐसे में आप आज के तिथि के हिसाब से गुरुवार का व्रत रख सकते हैं। साथ ही आज गंगा दशहरा का व्रत भी रखा जाएगा। अब ऐसे में आज 05 जून 2025 को किस मुहूर्त में काम करना शुभ माना जाता है और किस मुहूर्त में काम करने से बचना चाहिए। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से आज के पंचांग के बारे में जानते हैं।
आज का पंचांग (05 जून 2025)
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
दशमी | हस्त नक्षत्र | गुरुवार | सिद्धि योग | गर और वणिज |
आज का सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 44 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 06 मिनट तक |
चंद्रोदय | प्रात: 6 बजकर 10 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक |
आज का शुभ मुहूर्त और योग (05 जून 2025)
सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 03 बजकर 35 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 08 मिनट से लेकर सुबह 04 बजकर 56 मिनट तक |
अमृत काल | सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 34 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 35 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 11 बजकर 58 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 40 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 17 मिनट से लेकर शाम 8 बजकर 17 मिनट तक |
आज का अशुभ मुहूर्त (05 जून 2025)
राहु काल | दोपहर 02 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक |
गुलिक काल | सुबह 09 बजकर 05 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक |
यमगंड | सुबह 05 बजकर 44 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 24 मिनट तक |
दिशाशूल | दक्षिण दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें। |
दुर्मुहूर्त | सुबह 10 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 05 मिनट तक |
आज का पर्व और त्योहार 05 जून 2025
पंचांग के हिसाब से आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से करें और इस दिन गंगा दशहरा का भी व्रत रखा जा रहा है। आप इस दिन गंगा स्नान कर सकते हैं।
आज गुरुवार के उपाय 05 जून 2025
- गुरुवार के दिन माथे पर केसर का तिलक लगाएं। यदि संभव हो, तो नहाने के पानी में थोड़ी सी केसर मिलाकर स्नान करें। केसर को अत्यंत शुभ माना जाता है और यह बृहस्पति को प्रसन्न करने में सहायक है। इससे मान-सम्मान और सुख में वृद्धि होती है।
- अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है, तो आप पुखराज रत्न धारण करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, इसे किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही धारण करें।
- गुरुवार के दिन अपनी अनामिका उंगली में सोने की अंगूठी में पुखराज धारण करना शुभ माना जाता है।
- आप गुरुवार को "ऊं बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
- आज गुरुवार के दिन पीले रंग की चीजों का दान विशेष रूप से करें। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।
- आज गुरुवाप के दिन केले के पेड़ की पूजा विधिवत रूप से करें और पेड़ की परिक्रमा जरूर लगाएं।
आज गुरुवार के खास मंत्र 05 जून 2025
अगर आपके जीवन में समस्याएं आ रही हैं। आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही आपके विवाह में कोई समस्या आ रही है तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ उनके मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे भाग्योदय हो सकता है और व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती है।
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
- ऊं विष्णवे नमः
- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
- ऊं बृं बृहस्पतये नमः
- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
05 जून 2025 आज के पंचांग का महत्व
यह गुरुवार ज्येष्ठ महीना का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भाग्योदय के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही अगर आपके विवाह में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो आप इस गुरुवार को केले के पेड़ की परिक्रमा लगाएं और इस दिन किसी कन्या को सुहाग की सामग्री जरूर दें। इससे आपके उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों के साथ-साथ विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने का भी विशेष महत्व है।
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Image Credit- HerZindagi
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